कटी-फटी जींस, मिनी स्कर्ट, बरमूडा, नाइट सूट, हाफ पैंट पहनकर आने पर नहीं मिलेगा प्रवेश
कालकाजी मंदिर प्रबंधक समिति ने लागू किया ड्रेस कोड, मर्यादित कपड़ों में आने पर ही मिलेगा प्रवेश।
दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नई दिल्ली। देश में पहनावा एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। देश की राजधानी जहां पर हर तरह के कपड़ों को पहनने की छूट दिखाई देते हैं। या यह भी कह सकते हैं कि महिला और पुरुष दोनों ही हर तरह के कपड़े पहने घूमते हैं। ऐसे में दिल्ली के ही एक प्रसिद्ध मंदिर में यदि कोई उनके हिसाब से कपड़े पहनकर नहीं जाएगा तो उसको प्रवेश नहीं मिलेगा। दरअसल दक्षिणी दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में महिला और पुरुष श्रद्धालुओं को अब मर्यादित कपड़े पहन कर ही आना होगा। कालकाजी मंदिर प्रबंधक सुधार समिति ने श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया है।
सात्विक वस्त्रों में ही श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश मिलेगा। छोटे व कम कपड़े और वेस्टर्न कपड़े पहन कर आने पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। समिति ने मंदिर के बाहर एक बोर्ड भी लगाया है। इसमें महिला व पुरुष श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया है कि वह मर्यादित वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करें।
समिति का कहना है कि मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। कुछ लोग ऐसे वस्त्र पहनकर आते हैं, जो अमर्यादित होते हैं। इस कारण समिति ने पहली बार ऐसा फैसला लिया है कि पश्चिमी सभ्यता के कपड़े पहनकर आने वाले भक्त बाहर से ही माता के दर्शन कर सकेंगे।
समिति ने भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए सात्विक वस्त्र में मंदिर परिसर में प्रवेश करने का अनुरोध किया है।
इन कपड़ों को किया प्रतिबंधित
श्री कालकाजी मंदिर प्रबंधक सुधार समिति के अनुसार, दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अमर्यादित कपड़े जैसे कटी-फटी जींस, मिनी स्कर्ट, बरमूडा, नाइट सूट, छोटी ड्रेस और हाफ पैंट पहन कर मंदिर परिसर में प्रवेश पर सख्त रोक है।
दिल्ली स्थित कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने बताया कि मंदिर में कई बार श्रद्धालु ऐसे कपड़े पहनकर आते है, जिसका अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता है। इसमें खासकर महिलाओं व लड़कियों से अपील की गई है कि वह शालीन और मर्यादित कपड़े पहन कर मंदिर के अंदर आएं।
कालकाजी मंदिर प्रबंधक सुधार समिति ने श्रद्धालुओं के लिए लागू किया ड्रेस कोड
कटी-फटी जींस
मिनी स्कर्ट
बरमूडा
नाइट सूट
हाफ पैंट पहनकर आने पर नहीं मिलेगा प्रवेश
समिति का फैसला-वेस्टर्न कपड़े पहनकर आने वाले बाहर से ही कर पाएंगे माता के दर्शन
सिद्धपीठ में रोजाना आते हैं हजारों श्रद्धालु
माता कालका की सिद्धपीठ होने की वजह से यहां एनसीआर के अलावा अन्य राज्यों से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्र में यहां भक्तों की संख्या रोजाना चार से पांच हजार के करीब पहुंच जाती है। इस मंदिर पर मेट्रो की वायलट और पर्पल लाइन होने पर यहां भीड़ और अधिक होती है।