Sunday, April 28, 2024
spot_img
Homeअन्यCBI Investigation : तो क्या मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बाद...

CBI Investigation : तो क्या मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बाद अब केजरीवाल का नंबर ?

आवास के नवीनीकरण में फिजूलखर्ची पर गृह मंत्रालय ने बैठा दी है सीबीआई जांच 

पीएम मोदी को ललकार रहे हैं दिल्ली के सीएम, कहा – कुछ न मिला तो देंगे इस्तीफा 

चरण सिंह राजपूत 

अन्ना हजारे आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने  सोचा भी न होगा कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि उनके दो मंत्री जेल में होंगे और उन्हें खुद सीबीआई जांच का सामना करना पड़ेगा। जी हां देश की राजनीति बदलने आये अरविन्द केजरीवाल राजनीति तो न बदल पाए खुद ही बदल गए। जिन दलों पर उन्होंने आकंठ भ्र्ष्टाचार के आरोप लगाए थे अब उनके साथ गलबहिया कर रहे हैं। 

खुद भी भ्र्ष्टाचार की मलाई चाटने में इतने मस्त हो गए कि दो मंत्रियों के जेल जाने के बाद भी उन्हें होश नहीं आया। आरोप है कि आम आदमी बनने का नाटक करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने अपने आवास के नवीनीकरण पर 171 करोड़ खर्च कर डाले। यह आरोप खुद उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता अजय माकन ने उन पर लगाया है। अब जब मामले में सीबीआई की जांच बैठ गई है तो समझ में आ रहा है। माना जा रहा कि सीबीआई जांच में अरविन्द केजरीवाल जेल जा सकते हैं। वह बात दूसरी है कि वह पीएम मोदी को ललकार कर कह रहे हैं कि यदि इस बार भी कुछ न निकला तो मोदी इस्तीफा देंगे ?

दरअसल बीजेपी हर हाल में दिल्ली को कब्जाना चाहती है और केजरीवाल हैं कि उन्होंने कह दिया है कि बीजेपी कोई किसी भी सूरत में दिल्ली में घुसने न दूंगा। यही वजह है कि  दिल्ली की पॉवर अपने पास रखने के लिए केंद्र सरकार ने एलजी वीके सक्सेना को पूरी पॉवर दे रखी है। इस पॉवर को केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से आदेश पारित कराकर ले भी आये थे पर केंद्र सरकार ने दिल्ली सेवा बिल पास कराकर फिर से एलजी वीके सक्सेना को दिल्ली की पॉवर दे दी। दिल्ली की पॉवर को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी में बड़ा द्वंद चल रहा है। 

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं का पता लगाने के लिए CBI जांच का आदेश दे दिया है । इसके बाद जांच एजेंसी ने मामले में प्रारंभिक जांच भी दर्ज कर दी है। अब वह इस मामले  रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने दिल्ली सरकार के तहत लोक निर्माण विभाग (PWD) को 3 अक्टूबर तक सभी दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया है। CBI अब दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच में सामने आई कथित अनियमितताओं से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी।

दरअसल मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले की जांच शुरू करने के लिए CBI को पत्र लिखा था। इससे पहले 18 जून को सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर कथित खर्च के मामले में लोक निर्माण विभाग के सात अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस  जारी कर दिया था। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया था।

27 जून को CAG  ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के दौरान कथित “प्रशासनिक और वित्तीय” अनियमितताओं में एक “विशेष ऑडिट” शुरू किया था, जिसे मीडिया रिपोर्ट्स में ‘शीश महल’ कहा जाता है। उपराज्यपाल सचिवालय से 24 मई को एक पत्र प्राप्त होने के बाद गृह मंत्रालय की एक सिफारिश के बाद CAG का विशेष ऑडिट कदम उठाया गया। इसमें बताया गया था कि प्रथम दृष्टया केजरीवाल के आधिकारिक आवास के पुनर्निर्माण में घोर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। LG ने अपने पत्र में रेखांकित किया कि ये उल्लंघन या “असाधारण खर्च” केजरीवाल की पत्नी के स्पष्ट संदर्भ में, “माननीय सीएम मैडम” के आदेश पर, कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान हुए थे।

दरअसल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का आवास सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है।  आरोप लगाया गया था कि उनके आधिकारिक आवास पर किए गए नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। कांग्रेस के अजय माकन ने तो केजरीवाल के नए घर को सजाने में कुल 171 करोड़ रुपये खर्च होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस दौरान फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के घर के पास स्थित 22 में से 15 अधिकारियों के घर या तो ध्वस्त कर दिए गए या फिर खाली करवा दिए गए। जिनके घर बच गए थे, उन्हें कहा गया कि उन्हें दोबारा आवास उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस दौरान 126 करोड़ रुपये 21 नये प्रकार के फ्लैट को खऱीदने में खर्च किए गए। कांग्रेस नेता ने भी LG को पत्र लिखकर इसकी निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग की थी।  

रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो के आवास पर 23 पर्दे लगाने की मंजूरी दी गई, जिसकी कुल लागत 97 लाख रुपये है। वियतनाम से आयातित, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण के लिए इस्तेमाल किए गए संगमरमर की कीमत तक़रीबन 3 करोड़ रुपये है। फर्श ‘डेओर पर्ल मार्बल’ का उपयोग करके बनाया गया था, जो अपनी बेहतर गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, संगमरमर को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रासायनिक चिपकने वाले पर 21,60,000 रुपये खर्च किए गए। दस्तावेज़ों से यह भी पता चलता है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर छह अलमारियाँ स्थापित करने पर 40 लाख रुपये खर्च किए गए थे। 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments