Wednesday, October 9, 2024
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Delhi Crime : गांधीनगर की गीता कॉलोनी में छापेमारी कर मुक्त कराये 23 बाल श्रमिक 

एक एनजीओ की शिकायत पर चला गया रेस्क्यू ऑपरेशन

एसडीएम, एनजीओ संचालक, श्रम विभाग और पुलिस ने मिलकर की छापेमारी 

एक एक बाल श्रमिक को कराएंगे मुक्त : विवेक नरेश 

खिलौने से खेलने की उम्र में खिलौने बना रहे बच्चे, बाल श्रम कराने वालों के खिलाफ कराएंगे कार्रवाई 

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

नई दिल्ली। गुरुवार को गांधीनगर एसडीएम ने श्रम विभाग के अधिकारियों और के एनजीओ के संचालक को साथ लेकर गीता कॉलोनी में बाल श्रम के खिलाफ छापेमारी की। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में 23 बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं। दरअसल यह छापेमारी एक एनजीओ की शिकायत पर की गई थी। इस छापेमारी में श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सीडब्ल्यूसी ने भी भागीदारी की। गुरुवार को दिन भर चली इस छापेमारी में एसडीएम, तहसीलदार, श्रम विभाग के अधिकारी और एनजीओ संचालक के साथ पुलिस के भी 6 जवान शामिल थे। इस छापेमारी में पता चला है कि यहां की चार बिल्डिंगों में न केवल अवैध फैक्ट्रियां चल रही थीं बल्कि बाल श्रमिक भी काम कर रहे थे।  फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। 

 इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में गांधीनगर ने एसडीएम विवेक कुमार नरेश ने बताया कि करीब 10 बजे के आसपास गीता कॉलोनी में छापेमारी की गई। यह रेड चार लोकेशन पर डाली गई। उन्होंने बताया कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जो बाल श्रमिक छुड़ाए गए हैं, उनमें 20 लड़के और तीन लड़कियां हैं। इन सभी का मेडिकल चेकअप कराया गया है। उनका कहना था कि उनका प्रयास है कि ये बच्चे इस काम पर दोबारा न आएं, इन सभी को उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा। विवेक नरेश ने यह भी कहा कि उनके परिवार से भी कहा जाएगा कि इन बच्चों को काम पर न भेजकर इनको पढ़ाया-लिखाया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी का जो फैक्ट्री मालिकों पर बकाया है उसकी रिकवरी कराकर उनके परिवार को भिजवा दिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि गांधीनगर क्षेत्र बाल श्रम के मामले में बहुत संवेदनशील है। 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ने यहां के बारे में बहुत सख्त आदेश दिया था फिर भी यहां पर बाल श्रम हो रहा है।  2011 और आज की तारीख में क्या अन्तर आया है। एसडीएम ने बताया कि जब से वह यहां आये हैं तब से एक डेढ़ साल में चार में उन्होंने चार रेड  की है। हालांकि इस रेड को उन्होंने अब तक की सबसे बड़ी और सबसे सफल रेड बताया। 

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कभी 3 कभी 6 और कभी 8 बाल श्रमिक मिले। इस बार 23 बाल श्रमिक मुक्त कराये गए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाल श्रम खत्म कर दिया जायेगा। जैसे जैसे सूचना आएगी तैसे तैसे वे छापेमारी करेंगे। वे चैन से बैठने वाले नहीं हैं। एक-एक बच्चा यहां से निकाला जाएगा। किसी को भी नहीं छोड़ने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इस रेड से अच्छा संदेश गया है। उन्होंने जनता की राय भी अपने साथ बताई। उन्होंने कहा कि लोग जागरूक हो गए हैं। वे जानते हैं कि बाल श्रम अपराध है और हम लोग इसे खत्म करके ही रहेंगे।  

एनजीओ संचालक राजेश शर्मा ने बताया कि उन्होंने एडीएम को शिकायत की थी कि यहां पर काफी बच्चे फंसे हुए हैं। ये बच्चे बिहार और उत्तर प्रदेश से आये हैं और सिलाई कढ़ाई में लगे हैं। उन्होंने बताया कि एसडीएम, लेबर विभाग और पुलिस ने मिलकर इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि 11साल पहले ऐसे ही छापेमारी में भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था काफी लोग चोटिल भी हुए थे। उन्होंने बताया कि इस बार भी उसी जगह दो गलियां को छोड़कर छापेमारी की गई है। तब मामला हाई कोर्ट में गया था और दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों को मामले को सख्ती से निपटने के निर्देश दिए थे। इन सबके बावजूद बड़ी संख्या में बच्चे ज्यों के त्यों काम कर रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि दिल्ली में हजारों बाल श्रमिक हैं। इस क्षेत्र में भी सैकड़ों बाल श्रमिक हैं। 11 और 12 साल के बच्चे भी मिले हैं । बहुत सारे बच्चे बंधुआ हैं। उन्हें घर तक नहीं जाने दिया जाता है।  लॉन्ड्री में तो 100-200 रुपए देकर उनसे काम कराते हैं। बच्चे भी वहीं रहते हैं। थोड़ा खाना दे दिया जाता है और उनसे काम कराते रहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि यह कारवाई तब तक जारी रहेगी जब तक बाल श्रम खत्म न हो जाए।

ऐसा माहौल बनाएंगे कि सभी बच्चे स्कूल जाएं और बाल श्रम कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराएंगे। ये सभी बच्चे देश की धरोहर हैं। इन सभी बच्चों को पढ़ना लिखना चाहिए। इन्हें फैक्ट्रियों की जगह स्कूल में होना चाहिए। दिल्ली में खिलौने खेलने की उम्र में ये बच्चे खिलौना बना रहे हैं। बिंदी बना रहे हैं। चूड़ी बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि चूड़ियां बनाते समय 300-400 डिग्री का तापमान होता है। इस  तापमान में ये बच्चे काम करते हैं। दिल्ली के इस इलाके में 11 साल पहले हुई रेड में 17 बच्चे मुक्त कराए गए थे। 

बादलपुर में बाल श्रम हो रहा है। यहां की करीब 200 फैक्ट्रियों में करीब 1000 से ज्यादा बच्चे काम करने की जानकारी मिली है। यह सभी फैक्ट्रियां अवैध रूप से बनी हुई हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने पर यहां अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं। अवैध फैक्ट्रियों में बच्चों से खतरनाक किस्म का भी काम कराया जाता है। सब कुछ पुलिस की मिलीभगत से चलने की जानकारी मिलती है। 

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