Thursday, November 21, 2024
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Delhi Hospital : दिल्ली सरकार की मेडिकल सेवाओं पर BJP ने आप को घेरा, पूछा- MRI के लिए 39 माह की वेटिंग डेट क्यों?

 बीजेपी ने कहा – दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है और मरीजों को न केवल गंभीर स्वास्थ्य परीक्षण बल्कि एमआरआई और एक्स-रे तक बाहर से करानी पड़ती है

दिल्ली दर्पण ब्यूरो 
Delhi News: स्वास्थ्य सेवाओं पर इतराने वाली केजरीवाल सरकार को बीजेपी ने आड़े हाथों लिया है। दरअसल केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार अपनी उपलब्धियों के पक्ष में दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे अधिक गुणगान करती है। दिल्ली बीजेपी (BJP) नेताओं का आरोप है कि आप (AAP) सरकार के दावों के उलट जमीनी स्तर पर मरीजों को हो रही परेशानियों से साफ है कि उनके स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए दावे कथित विकास कार्यों की पोल खोलती नजर आ रही है। बीजेपी के इन आरोपों पर आप की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

हेल्थ टेस्ट के लाभ वंचित हैं मरीज

दिल्ली बीजेपी के मंत्री हरीश खुराना (Harish Khurana) और मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमराई हुई है और 80 से 90 प्रतिशत मरीजों को न केवल गंभीर स्वास्थ्य परीक्षण बल्कि एमआरआई और एक्स-रे तक निजी तौर पर करानी पड़ती है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मरीजों को ये सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। 

दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त

बीजेपी नेताओं ने एलएनजेपी अस्पताल के एक मरीज के अप्वाइंटमेंट लेटर का हवाला देते हुए कहा कि एक मरीज जिसकी एमआरआई होनी है, उसे एलएनजेपी अस्पताल से 39 महीनों बाद कि वेटिंग डेट दी गई है, जो दर्शाता है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जीबी पंत और एलएनजेपी जैसे अस्पतालों में मरीजों को साधारण ऑपरेशन के लिए भी महीनों तक लंबा इंतजार करना पड़ता है। वहीं, इन अस्पतालों में घूमने वाले दलालों के माध्यम से न केवल दवाईयां बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवाएं भी मुहैय्या हो जाती हैं, लेकिन इसके लिए मरीजों को दलालों को पैसे देने होते हैं। 

इन सवालों का जवाब दें सौरभ भारद्वाज

दिल्ली बीजेपी नेताओं ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज की ओर से दो दिन पहले नागरिक मुद्दे पर दिया गया बयान की, ” सिस्टम में खामियों के लिए सिर कटने चाहिए यानी दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए” का हवाला देते हुए कहा कि अब वे बताएं कि किसका सिर कटना चाहिए और एमआरआई की जरूरत वाले मरीज को 39 महीने बाद कि वेटिंग डेट क्यों दी गई?

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