सनातन धर्म से छेड़छाड़ मतलब बीजेपी की मजबूती
ऐसे ही देश का सबसे नकारा विपक्ष नहीं कह रहे लोग
चरण सिंह राजपूत
विपक्ष के नेता जिस तरह से गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए हैं, उससे तो यही लग रहा है कि खुद विपक्ष के नेताओं की बयानबाजी ही एनडीए को जितवा देगी। सनातन धर्म की आलोचना कर देश में कितनी भी मीटिंग करते फिरते रहो। कोई जिता नहीं पाएगा। 1 सितम्बर को मुंबई में मीटिंग कर अपनी एकजुटता दिखाने वाले इंडिया की सारी मजबूती तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे ने हवा हवाई कर दी।
क्या विपक्ष के नेताओं को इतनी सी बात समझ में नहीं आती कि यह चुनाव ही बीजेपी सनातन धर्म के नाम पर लड़ रही है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के मास्टर स्ट्रोक होने जा रहा है। जब देश में सनातन धर्म को लेकर गांव गांव में जागरूकता अभियान छेड़ा जा रहा है। जब मोदी ने सनातन धर्म को आगे कर दलित-पिछड़ा कार्ड बेअसर किया है। तो ऐसे में भला सनातन धर्म पर गलत टिप्पणी कर एनडीए को कैसे हराया जा सकता है ? वैसे तो तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदय निधि स्टालिन सनातन धर्म को मलेरिया बोलने और उसे खत्म करने की बात कहने की क्या जरूरत थी ? यदि उदय निधि ने बोल भी दिया था तो फिर विपक्ष को उसके बयान से सहमति जताने की क्या जरुरत थी। वैसे भी विपक्ष के दलों ने कोई बड़ी रैली कर अभी तक अपनी ताकत नहीं दिखाई है। किसी जमीनी मुद्दे पर सभी दल एक साथ सड़कों पर नहीं उतरे हैं।
कांग्रेस ने भी कह दिया कि हर किसी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब आप लोग सनातन धर्म को खत्म करने की बात करने लगोगे तो सनातन धर्म से जुड़े लोगों के वोट कैसे ले पाओगे। वह भी जब न केवल बीजेपी बल्कि आरएसएस, विहिप और बजरंग दल भी सनातन धर्म के प्रचार और प्रसार में लगे हैं। तिल का ताड़ बनाने में माहिर माने जाने वाले ये संगठन तो इस तरह के मामलों को दबोचने को तैयार रहते हैं।
ऐसे ही मणि शंकर अय्यर ने नरसिंहा राव को बीजपी का पहला प्रधानमंत्री बोलकर बवाल मचा दिया था। यदि विपक्ष के नेता ऐसे ही धार्मिक मुद्दों को लेकर बयानबाजी करते रहे तो फिर बीजेपी अपनी सभी कमजोरियों को छिपाकर विपक्ष पर हावी हो जाएगी, क्योंकि बीजेपी की ताकत यह सनातन धर्म तो है ही।
दरअसल तमिलनाडु सरकार में मंत्री और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर अब कांग्रेस ने ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के मझे हुए महासचिव केसी वेणुगोपाल भी कह रहे हैं कि सभी दलों को अपनी बात कहने का हक है। हक़ है तो कुछ भी बोल दोगे ? कांग्रेस का नजरिया बिल्कुल साफ है- सर्वधर्म समभाव. हम सभी के विश्वास का सम्मान करते हैं, लेकिन आपको ये समझना होगा कि सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात कहने की आजादी है। इन साहब को कौन समझाए कि बीजेपी या फिर दूसरे हिन्दू संगठन कहां कह रहे हैं कि आओ मत बोलिये, बोलिये ये संगठन ये ही तो चाहते हैं।
मोदी की तो पॉवर ही यही है। खुलकर बोलो सनातन धर्म के बारे में। खूब आलोचना करो। इससे क्या होगा। बीजेपी की खामियों और पीएम मोदी के एक्सपोज होने पर जो हिन्दू वोटबैंक विपक्ष की ओर आया है वह फिर से बीजेपी की ओर चला जाएगा। फिर खूब करना सनातन धर्म की आलोचना।