Saturday, April 27, 2024
spot_img
Homeअन्यMission 2024 : बिगाड़ा जा रहा इंडिया गठबंधन का खेल ?

Mission 2024 : बिगाड़ा जा रहा इंडिया गठबंधन का खेल ?

नीतीश कुमार का चंपारण में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी की तारीफ और कांग्रेस की आलोचना के क्या हैं मायने ? मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सभी सीटों पर लड़ने और सपा को सीटें न देने पर मुखर हो रहे हैं अखिलेश यादव, लोकसभा चुनाव में भी पड़ेगा असर, दिल्ली, पंजाब और प. बंगाल में भी किया जा रहा कांग्रेस का विरोध 

चरण सिंह राजपूत 

तो क्या विपक्ष के इंडिया गठबंधन का खेल बिगड़ने जा रहा है ? जिस तरह से इस लामबंदी के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद चम्पारण की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी की तारीफ और कांग्रेस की आलोचना की है, उससे तो यही लग रहा है। उधर यूपी, दिल्ली, पंजाब, प. बंगाल में भी विपक्ष के समीकरण गड़बड़ा रहे हैं। 

दरअसल नीतीश कुमार ने कहा है कि मोदी ने 2014 में चंपारण में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनवाने का वादा किया था और यूनिवर्सिटी बनवाने का दम-ख़म दिखाया। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना कर यह भी कहा कि यूपीए को भी उन्होंने यह प्रस्ताव 2007 में भेजा था पर यूपीए ने प्रस्ताव को कोई तवज्जो नहीं दी। उधर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सपा को सीट न देकर सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। तो क्या लोकसभा चुनाव में जदयू और सपा का कांग्रेस के साथ गठबन्धन का मामला गड़बड़ा रहा है ? क्या नीतीश फिर से मोदी की गोद में बैठने जा रहे हैं। वैसे भी वह कई बार एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं। गत लोकसभा चुनाव भी वह एनडीए का हिस्सा बनकर लड़े थे। ऐसी ही स्थिति दिल्ली और प. बंगाल की है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और दिल्ली के कांग्रेस नेताओं में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है और कमोवेश पंजाब में भी यही हाल है। 

दरअसल मोदी सरकार विपक्षी नेताओं पर जिस रणनीति के तहत शिकंजा कस रही है उससे विपक्षी नेताओं में डर देखा जा रहा है। समाजवादी पार्टी में मो. आजम खान के परिवार को बीजेपी ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया पर अखिलेश यादव का कोई आक्रामक रुख न देखा गया। ऐसे ही आप नेता मनीष सिसोदिया के बाद संजय सिंह को जेल में डाल दिया गया पर विपक्षी दलों ने कोई खास मुखर विरोध न किया। 

मोदी सरकार क्षेत्रीय दलों को टारगेट कर रही है और इंडिया की एकजुटता को तोड़ रही है। वैसी भी पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में इंडिया गठबंधन मिलकर चुनाव नहीं लड़ रहा है और न ही लोकसभा चुनाव को लेकर कोई ठोस रणनीति का संदेश दिया जा रहा है। इंडिया गठबंधन की ओर से अभी सीटों के बंटवारे पर खास रणनीति नहीं बन पाई है। 

मोदी सरकार ने इनकम टैक्स, ईडी और सीबीआई के माध्यम से विपक्ष पर दबाव बना रखा है पर विपक्ष किसी रैली और पंचायत से कोई ठोस संदेश नहीं दे पा रहा है। यही वजह है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह खुलकर खेल रहे हैं। मोदी सरकार के खिलाफ बोलने वाले या लड़ने वाले को टारगेट किया जा रहा है। न्यूज क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घरों पर पुलिस के छापे एक बड़ा उदहारण है। 

मीडिया की स्थिति तो मोदी सरकार ने यह कर रखी है कि या तो मोदी सरकार का प्रवक्ता बन जाओ नहीं तो फिर नाप दिय जाओगे। इतना ही नहीं सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को कोई काम देने को तैयार नहीं। ऐसे में विपक्ष की ओर से कोई आक्रामक रणनीति नहीं बनाई जाना बदलाव में एक बड़ा रोड़ा माना जा रहा है। या यह भी कह सकते हैं कि मोदी सरकार के दबाव में कई विपक्षी दल कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं। उधर राहुल गांधी की भारत यात्रा के बाद उनकी बढ़ती लोकप्रियता को भुनाने के लिए कांग्रेस भी क्षेत्रीय दलों को खास तवज्जो नहीं देती प्रतीत हो रही है। तो ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर ऐसे में बदलाव कैसे होगा?  

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments