-दिल्ली दर्पण संवाददाता
मुंडका। पावर और प्रभाव हासिल करने के लिए जो नेता हर हथकंडा अपनाते है ,एक दूसरे पर हर तरह के प्रहार करते है, वही परस्पर विरोधी नेता अपने लालच के लिए एक साथ भी खड़े हो जातें है। फिर चाहे वह कार्य अवैध ही क्यों ना हो। दिल्ली के मुंडका विधानसभा के राजधानी पार्क क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहा अवैध निर्माण को लेकर ऐसी ही चर्चाएं चल रही है। राजधानी पार्क खसरा नंबर 74/ 4 / 2 Min 4/3 , 5/11,5 / 2 , 6 /1 मेट्रो पिलर नंबर 450 -451 के पास बनी रही इस अवैध कॉलोनी को डीडीए ने डेमोलिश करने के कई आदेश दिए , दिल्ली नगर निगम ने भी माना की इस भूमि पर कोइ नक्शा पास नहीं हुआ है। एसडीएम ने कई बार डीडीए इस पर करवाई की रिपोर्ट तालाब की, लेकिन यह पूरी कवायद केवल कागजी ही साबित हो रही है। अब मामला लोकायुक्त की अदालत में है , लोकायुक्त ने इस मामले को गंभीर मानते हुए स्थानीय विधायक धर्मपाल लकड़ा और दो निगम पार्षद हेमलता लाडला और गजेंद्र दराल सहित दिल्ली नगर निगम उपयुक्त नरेला जोन , उपायुक्त राजस्व को नोटिस देकर जबाब तालब किया है।
गौरतलब है की इस इलाके में विधायक धर्मपाल लकड़ा आम आदमी पार्टी से है, जिस इलाके में यह अवैध निर्माण तमाम आदेशों को ठेंगा देखकर हो रहा है वहां भी आम आदमी पार्टी की पार्षद है और जो मुख्य बिल्डर और डीलर है वहां बीजेपी पार्षद गजेंद्र दराल है। और जिस ट्रष्ट की वह जमीन है वह उनके राजनैतिक विरोधी रहे साहिब सिंह वर्मा परिवार से जुड़े लोग है। इनमें सांसद प्रवेश वर्मा, पूर्व मेयर मास्टर आज़ाद सिंह भी इस ट्रष्ट के प्रमुख दावेदारों के परिवारिक लोग ही है।
इस मामले में शिकायतकर्ता यहीं की पूर्व निगम पार्षद भूमि रछौया है। जिनका आरोप है की ये सभी लोग अपने राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर उस जमीन पर अवैध निर्माण कर कॉलोनी बना रहे है जिसे 15 -20 साल पहले आस पास के किसानों ने हॉस्पिटल ,स्कूल और धर्मशाला बनाने के लिए दान दी थी। यह ट्रष्ट पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के भाई राजेंद्र लकड़ा की आकस्मिक मौत पर उनकी याद में स्कूल ,हॉस्पिटल बनाने के लिए बना था। लेकिन आज वर्षों बाद भी स्कूल , हॉस्पिटल तो नहीं बना लेकिन अब इस पर तेज़ी से अवैध कॉलोनी बनाई जा रही है। इस मामले में कई संस्थाओं ने भी लिखित शिकायत दी है। जिसमें कहा गया है कि ये सभी राजनीतिक लोग अपने प्रभाव और पावर का इस्तेमाल कर इस अवैध निर्माण को बढ़वा दे रहे है।
यही से कभी बीजेपी के नेता रहे चतर सिंह रछौया का कहना है कि प्रशासन इन पॉवरफुल नेताओं के आगे नतमस्तक है। डेमोलेशन के स्पष्ट आदेश होने के बावजूद डेमोलेशन की करवाई करना तो दूर उक्त भूमि पर निर्माण कार्य बड़ी तेज़ी से हो रहा है। डीडीए ने कई बार डेमोलेशन करने के आदेश देते हुए आदेश की तामील नहीं होने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। काफी दबाव के बाद अवैध निर्माण की चारदीवारी का एक छोटा सा हिस्सा तोड़कर दिखावे भर के लिए करवाई की तो डीडीए ने उसे भी केवल कागजी करवाई बताया।
जिस वार्ड में यह अवैध निर्माण हो रहा है वहां की पार्षद आम आदमी पार्टी की हेमलता लाडला है। हेमलता लाडला ने पार्षद बनते ही उसके पति राजेंद्र लाडला ने सख्त तेवर अपनाये थे। राजेंद्र लाडला भी बीजेपी से ही आम आदमी पार्टी में आये है। लेकिन इस अवैध निर्माण पर वे चुप है। दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह ट्रस्ट उनके परिवार का है इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जहाँ तक बात अवैध निर्माण की है इस कॉलोनी में सभी ऐसे ही है। यह प्लाट भी कॉलोनी का ही पार्ट है। इस पर स्थानीय विधायक धर्मपाल लकड़ा के प्रतिनिधि सुनील लकड़ा ने यह स्वीकार किया कि उन्हें लोकायुक्त का नोटिस मिला है। उसका जबाब वे दे रहे है। इस अवैध निर्माण की सूचना और शिकायत जिस स्तर पर देनी चाहिए वे दे चुकें है। वही इस कॉलोनी में मुख्य बिल्डर और डीलर की भूमिका निभा रहे मुंडका से बीजेपी निगम पार्षद गजेंद्र दराल ने भी इस निर्माण में कुछ भी गलत नहीं होने की बात कही है। दिल्ली दर्पण टीवी टीवी द्वारा पूछे जाने पर गजेंद्र दराल ने कहा की यह ट्रस्ट भी स्व. साहिब सिंह वर्मा और उनके भाई स्व, राजेंद्र लकड़ा के परिवारिक लोगों का ही है। वे इस जमीन को किसी को भी दे सकते है।
बहरहाल इस जमीन पर तेज़ी से निर्माण चल रहा है ,लेकिन जो दस्तवेज और सबूत है वे इस और इशारा आकर रहे है बेशक इन नेताओं के प्रभाव में आकर प्रशासन किसी भी तरह की करवाई करने की खानापूर्ति करे ,लेकिन इसमें शामत उन लोगों को ही आएगी जिन्होंने यहाँ प्लाट और घर खरीदें यह या खरीदने जा रहे है।