-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। वेस्ट दिल्ली जिले के नारायणा थाना पुलिस ने ठगी के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किये गए इन आठ लोगों में खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाला शख्स भी है। यह गैंग भोले भोले लोगों को जीएसटी में नगद निवेश करवाकर उन्हें पैसे दोगुने करने का झांसा देकर तो ठगता ही था वह फ़र्ज़ी छापा मारकर भी लोगों से पैसे लेकर फरार हो जाते और उन पैसों को आपस में बाँट लेते थे। ऐसी ही एक शिकायत के बाद बनी स्पेशल टीम ने इन्हे दबोच लिया।
पुलिस के अनुसार 22 फरवरी को नारायणा थाना पुलिस को रुपयों से भरा बैग छीनने की सूचना प्राप्त हुयी थी। पूछताछ में सामने आया कि राजीव, रोहित और निशांत उर्फ वाशव नई दिल्ली के नारायणा इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-1 में एक ऑफिस चलाते है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि इन लोगों ने उसे प्रलोभन दिया कि यदि वह यहां 25 लाख का निवेश करते है तो उन्हें आरटीजीएस के माध्यम से जीएसटी खाते में 50 मिलेंगे। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने उनके द्वारा किये गए वादे पर भरोसा कर उन्हें 25 लाख रुपये दिए। इस बीच तीन लोग और आये जिन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए उनसे रुपयों का बैग ले लिया। इसके बाद वे सभी लोग फरार हो गए । डीसीपी वेस्ट विचित्र वीर के बताया कि दरअसल यह एक शातिर गैंग था जिसने बाकायदा एक अच्छा ऑफिस बनाया हुआ था। यह लोग ऐसे ही रकम दोगुनी करने का भरोसा देकर लोगों से रुपये ठगते थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच के लिए नारायणा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सतीश कुमार की अगुवाई और एसीपी मायापुरी निगरानी में टीम का गठन किया गया। इस टीम में इंस्पेक्टर संदीप यादव, एसआई मुकेश यादव, एएसआई देवदत्त, एएसआई रमेश, एएसआई धनी राम, एचसी विनोद ढाका, एचसी दिनेश, एचसी दीपेश, एचसी अजय, एचसी सागरमल, एचसी भूपेश, सीटी मंजीत, सीटी को शामिल किया गया। जांच के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ता की मुलाकात पिंकू उर्फ़ एकांश ने ही आरोपियों से कराई थी। पिंकू से हुयी पूछताछ में पता चला की वह खुद भी इस गिरोह में शामिल था। इस बात की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने पिंकू उर्फ़ एकांश को गिरफ्तार कर लिया और बाकी आरोपियों की तलाश में लग गयी।
पुलिस ने मैनुअल और तकनीकी जांच के आधार पर राजीव उर्फ आनंद बिहारी कुशवाह उम्र 39 वर्ष और निशांत मोहन कुमार उर्फ वाशव पुत्र स्व. शैलेन्द्र मोहन कुमार उम्र 40 को मोहन गार्डन, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। निरंतर पूछताछ पर उन्होंने खुलासा किया कि वे झूठे वादे पर निर्दोष व्यक्तियों को धोखा देने के लिए एक सिंडिकेट चला रहे हैं। जांच के दौरान पता चला कि उन्होंने नारायणा में प्रेमानंद के नाम पर एक कार्यालय किराए पर लिया था। उन्होंने खुलासा किया कि पिंकू उर्फ एकांश ने लोगों को अपने कार्यालय में निवेश करने के लिए प्रेरित करने का काम दिया था और अगर वे उन्हें कुछ राशि देते थे, तो उन्हें उनके जीएसटी खाते में दोगुनी राशि मिल जाती थी। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने शैलेन्द्र उर्फ़ शिवम् , अनूप , परमानंद , हरीश और सुरेंद्र पाल सहित इन सभी आरोपियों को हापुड़ , गाज़ियाबाद। मेरठ और जयपुर में छापेमारी कर इन्हे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके कब्जे से 16 लाख की नगदी और ज्वेलरी के साथ एक दर्जन मोबाइल भी बरामद किये है।
इनमे सुरेंद्र पाल सिक्योरिटी ऑफिस के रूप में द्वारका में काम करता है। वह रोहित उर्फ़ हरीश का जानकार भी है। इन्होने ही योजना बनाकर नारायणा कार्यालय में क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर फ़र्ज़ी छापा मारा और ठगी की रकम लेकर फरार हो गए। इस मामले में अभी दो अन्य आरोपी शेर सिंह और आरके यादव फरार है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है और इस बात की भी जांच कर रही है की इस गैंग ने अभी तक कितनी लोगों को अपना शिकार बनाया है।