Sunday, November 24, 2024
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Diphtheria से 28 बच्चों की मौत पर सदन में हंगामा

दिल्ली में महर्षि वाल्मीकि संक्रामक हॉस्पिटल में इस महीने अबतक डिप्थीरिया से हुई 28बच्चों की मौत के बादइस मुद्दे पर बुधवार के दिन सिविक सैंटर में हॉउस मिटींग के दौरान चर्चा होनी थी। लेकिन चर्चा का पहला विषय पानी का लिया गया जिसके बाद सदन में खुब हो हल्ला हुआ। और मैयर साहब चर्चा को बिच में ही अर्जेंट कर चले गये । लेकिन पक्ष और विपक्ष के समझाने के बाद सदन को फिर से चलाया गया । और डिप्थीरिया से हुई बच्चों की मौत के गंभीर मुद्दे पर चर्चा शुरु की गयी । सदन की शुरुआत तो काफी गंभीता से हुई लेकिन विपक्ष की तरफ से आरोपों का सिलसिला लगातार जारी रहा । जहां एक और कांग्रेस की तरफ से मुकेश गोयल ने मामले में एम एस को निलंबित करने पर सत्ता पक्ष को घेरा । और बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया की बीजेपी सरकार ना तो उत्तर प्रदेश में काम कर पा रही है और ना ही दिल्ली में निगम में । कमाल तो तब हो गया जब स्टेंडिंग कमेटी की चैयर मैन साहिबा ने हादसे को भगवान की मर्जी करार दिया जिस पर भी मुकेश गोयल का गुस्सा फुट पड़ा ।

तो वहीं कांग्रेस की ही एक और निगम पार्षद सीमा ताहिरा भी आम आदमी पार्टी और बीजेपी बरसती नजर आई।हंगामे के बीच सांस लेती चर्चा ने उस वक्त दम तोड़ दिया जब आम आदमी पार्टी और बीजेपी की बीच जुबानी जंग अपनी चरम सीमा पर पहुंच गयी और दोनों और से मामला लगातार गर्म होने लगा । बात इतनी बढ़ी की बीच बचाव के लिये सिक्योरिटी तक को बीच में आना पड़ा ।इस पर आम आदमी पार्टी की ओर से विकास गोयल भी आरोप लगाने से पिछे नहीं हटे और बीजेपी सरकार को 28 बच्चों की मौत पर कटगरे में खड़ा करते दिखे …

जब इस मामले पर सत्ताधारी बीजेपी का पक्ष जाना तो उन्होंने सदन ना चलने का दोष विपक्ष के मत्थे मंड दिया ।लेकिन इन सब से हट कर महापौर बचाव की मुद्रा में दिखे और जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात की ।महर्षि वाल्मीकि संक्रामक अस्पताल में 28 बच्चों की  मौत केवल इस कारण हो गयी क्योंकि हॉस्पिट के पास उपयुक्त सीरम मौजुद नहीं था जिसका खामियाजा उन 28 बच्चों के परिवार को उठाना पड़ा जिनके घर के चिराग निगम की लापरवाही के कारण बुझ गये। लेकिन इस शर्मसार करने वाली बात के  बाद भी चर्चा की जगह केवल राजनिति होती दिखी जो कहीं ना कहीं ये सोचने को मजबूर करती है की पार्टी चाहे कोई भी हो लेकिन मानवता कहीं नज़र नहीं आएगी ।

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