संजय सिंह , दिल्ली दर्पण
भलस्वा लैंडफिल। दिल्ली के लिए एक बड़ी खुशख़बरी है। कूड़े के निस्तारण पर दिल्ली नगर निगम की योजना और परयोजनायें रंग लाने लगी है। दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट जैविक खनन और कचरे की छटाई के लिए लगाई गयी ट्रॉमल मशीनों का असर दिखने लगा है। महज नौ महीने में इस साइट यानी कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 12 मीटर तक घट गयी है।
नार्थ दिल्ली नगर निगम द्वारा करीब 175 करोड़ रुपये की लागत से शुरू इस परियोजना का उद्घाटन पूर्वी दिल्ली के सांसद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और नार्थ वेस्ट के सांसद हंस राज हंस ने किया था। आज दोनों सांसद इस कार्य का जायजा लेने पहुंचे दिल्ली नगर निगम और स्थानीय निगम पार्षद विजय कुमार भगत की प्रसंशा की। दोनों सांसदों ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बतया और दावा किया की आने वाले केवल दो साल में यह कूड़े का पहाड़ नहीं दिखेगा बल्कि यहाँ टूरिस्ट स्पॉट होगा। यहाँ लोग पिकनिक मानाने आया करेंगे।
गौरतलब है की करीब 60 एकड़ में फैली और 70 मीटर ऊँची यह सैनटोरी लैंडफिल दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या बनी हुयी है। जीटी करनाल रोड पर भलस्वा इलाके में स्थित यह साइट न केवल भारी दुर्गन्ध , गन्दगी का सबब बनी हुयी थी बल्कि इसमें आये दिन लगाने वाली प्रदूषण के कारण देशभर में सुर्खियाँ बनी। यह मानकों के अनुसार भी ठीक नहीं थी। यह स्थानीय राजनीति का एक बड़ा मुद्दा भी बना तो दिल्ली नगर निगम का ध्यान इस और गया। “बकौल स्थानीय निगम पार्षद विजय भगत ” मैंने इसके लिए लम्बी लड़ाई लड़ी और लगातार इस मुद्दे को उठता रहा। नार्थ दिल्ली निगम ने यहाँ शुरू में 4 ट्रॉमल मशीन लगाई और आज इनकी संख्या 19 हो गयी है।
नार्थ दिल्ली नगर निगम इस साइट के ऊपरी हिस्से को काटकर निचे ला रहा है। निचे लाने के बाद कूड़े को तीन भागों में छांटा जा रहा है। इसमें कुछ कूड़ा रिसाइकल जो हो जाता है, जैविक कूड़े की खाद बन जाती है और तो मलबा होता है वह भाटी माईन्स में भेजा जा रहा है। सांसद मनोज तिवारी ने कहा की नार्थ दिल्ली नगर निगम के इस प्रोजेक्ट में दिल्ली सरकार कोइ मदद नहीं कर रही है। बावजूद इसके नगर निगम दिल्ली में कूड़े के निस्तारण पर बहुत अच्छा काम कर रहा है। सांसद हंस राज हंस ने कहा की वे पंजाब से जब दिल्ली आते थे तो इस कूड़े के पहाड़ को देखते थे और इसे दिल्ली का सबसे बड़ा बदनुमा मानता था। अब यह दाग धूल रहा है।यदि दिल्ली नगर निगम ने ऐसे पांच काम कर दिए तो दिल्ली की तस्वीर ही बदल जाएगी।