राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण
नार्थ दिल्ली। प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान के सामने दिल्ली की तीनो प्रमुख राजनैतिक पार्टियां नतमस्तक है। दिल्ली के चांदनी चौक पर स्थाई रूप से हनुमाना मंदिर रहे और इसका पुनर्निर्माण हो इस पर बीजेपी , कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों ही सहमत है। चाहे वह दिल्ली नगर निगम हो या दिल्ली सरकार या फिर भारत सरकार के मंत्री और स्थानीय सांसद डॉ हर्ष वर्धन सभी बजरंग बलि और उसके भक्तों से इतने डरे हुए है की सभी चाहते है कि जल्द से जल्द हनुमान जी स्थाई रूप से वहां विराजमान हो। इस मामले में राजनैतिक दलों में गज़ब की एकता उस समय भी दिखाई दी जब नार्थ एमसीडी सदन में नेता सदन योगेश वर्मा ने चांदनी चौक में स्थिति मंदिर को स्थाई रूप से स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव का अनुमोदन स्थाई समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने किया और उस प्रस्ताव का अनुमोदन नेता विपक्ष विकास गोयल और कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने भी किया। प्रस्ताव में कहा गया कि कहा गया है की सेंट्रल वर्ज पर 18 ट्रांसफार्मर है और उसी जगह पर मंदिर भी बना है। यह मंदिर यातायात में किसी भी तरह की बाधा नहीं पहुचायेगा। स्थानीय लोग भी मंदिर तोड़े जाने से आहात है और वहां स्थाई मंदिर की मांग कर रहे है। इन सबकों ध्यान में रखते हुए नार्थ एमसीडी ने रेसोलुशन पास किया है।
रेसोलुशन पास किये जाने के बाद उत्तरी नगर निगम के महापौर जेपी, स्थायी समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी और नेता सदन योगेश वर्मा चांदनी चौक स्थित हनुमान मंदिर गए और हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता सदन योगेश वर्मा का कहना है की अब दिल्ली सरकार की धार्मिक कमेटी को इसे बनवाना चाहिए। स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने भी उप-राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर चांदनी चौक के हनुमाना मंदिर के पुनर्निर्माण करने का निवेदन किया है। आम आदमी पार्टी के पार्षद और नेता सदन विकास गोयल ने भी कहा है कि वे मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर निवेदन करेंगे की चांदनी चौक का हनुमान मंदिर जल्द से जल्द दिल्ली सरकार बनाये। कांग्रेस नेताओं ने भी बयान देकर जल्द से जल्द मंदिर बनाने की सिफारिश की है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल चांदनी चौक का सौंदर्यकरण कर रही है। इसी मामले में कोर्ट ने चन्दगी चौक के इस प्राचीन हनुमान मंदिर को हटाने के निर्देश दिए थे। इस निर्देश के बाद दिल्ली नगर निगम ने इस मंदिर को तोड़ दिया था। निगम की इस कार्यवाही से लोगो में गुस्सा फ़ैल गया और विरोध प्रदर्शन होने लगे। लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए तीनों दल भी हनुमान भक्तों की मांग के समर्थन में आ गए। यही वजह रही की नगर निगम सदन में यह प्रस्ताव पास किया और सभी दलों ने इसका समर्थन भी किया।