दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बीआरएस नेता के कविता से शनिवार को नौ घंटे तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की। वह सुबह करीब 11 बजे ईडी के कार्यालय पहुंची थीं।
नई दिल्ली । दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy 2021-22) घोटाले में ईडी ने शनिवार को तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी के कविता से नौ घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान बीआरएस नेत्री कविता ईडी के सवालों का जवाब देने से कतराती रहीं।
अधिकांश सवालों के जवाब में उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। ईडी के अधिकारी इसके पहले गवाहों व आरोपियों का बयान सामने रखकर के कविता से पूछताछ करने की कोशिश में जुटे रहे।
16 मार्च को फिर से किया तलब
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुबह करीब 11 बजे कविता से घोटाले के सिलसिले में पूछताछ शुरू की गई और रात करीब आठ बजे तक यह सिलसिला चला। अधिकारियों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बीआरएस नेत्री को 16 मार्च को फिर से तलब किया गया है।
इंडो स्पिरिट में अपनी हिस्सेदारी होने से किया इनकार
पूछताछ के दौरान के कविता ने इंडो स्पिरिट में अपनी 32.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने और इसमें अरुण पिल्लई के उनका प्रतिनिधि होने से साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि दिल्ली में शराब के कारोबार से उनका कोई लेना-देना नहीं है। वैसे उन्होंने स्वीकार किया कि वे अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबु को जानती हैं लेकिन घोटाले में उनकी संलिप्तता के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली, बुची बाबु, दिनेश अरोड़ा और इंडो स्पिरिट के मालिक समीर महेंद्रू ने अपने बयानों में के कविता की घोटाले में संलिप्तता के बारे में विस्तार से बताया है। अरुण पिल्लई और बुची बाबु और अभिषेक बोइनपल्ली ने साउथ लाबी की तरफ से 100 करोड़ का एडवांस कमीशन दिए जाने का भी खुलासा किया है।
पिल्लई ने खुद को बताया कविता का प्रतिनिधि
पिल्लई ने लगभग एक दर्जन बार दिए गए बयानों में खुद को कविता का प्रतिनिधि बताया है। पिल्लई फिलहाल ईडी की हिरासत में है और उसे कविता के साथ बिठाकर आमने-सामने पूछताछ भी संभव है हालांकि पिल्लई का रिमांड 12 मार्च को पूरा हो रहा है।
अपना बयान वापस लेने के लिए दाखिल की याचिका
वैसे पिल्लई ने अपने वकील के मार्फत अदालत में अपना बयान वापस लेने की याचिका दाखिल की है लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खुद पीएमएलए कानून में बयान वापस लेने का कोई प्रविधान नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए कानून के तहत दिए गए बयान को अदालत में सुबूत के तौर पर देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि कविता से अधिकांश सवाल साउथ लाबी के बारे में पूछे गए। इनमें 100 करोड़ की एडवांस रिश्वत दिए जाने और विजय नायर व अन्य आरोपियों के साथ दिल्ली और हैदराबाद में हुई मुलाकातों से जुड़े सवाल थे। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूछताछ में सहयोग नहीं करने की स्थिति में कविता को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।