उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के मामले में आरोपित शाहरुख पठान को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए पाया कि पठान जेल नियमों का उल्लंघन किया।
नई दिल्ली । उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के मामले में आरोपित शाहरुख पठान को कड़कड़डूमा कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने अर्जी पर सुनवाई करते हुए पाया कि पठान जेल नियमों का उल्लंघन किया। उसके इस आचरण को देखते हुए और जमानत के लिए दिए गए आधार को अनुचित मानते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी गई।
जानिए पूरा मामला
आरोपपत्र के अनुसार 24 फरवरी 2020 को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन और मौजपुर चौक के बीच 66 फुट रोड पर दो समुदायों के गुट भिड़ गए थे और पथराव होने लगा था। इसी बीच कुछ लोग हवा में पिस्तौल लहराते हुए वर्दी धारी पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाने लगे थे।
हेड कांस्टेबल ने झुक कर बचाई अपनी जान
वहां तैनात वजीराबाद पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया ने बहादुरी दिखाते हुए गोली चला रहे दंगाइयों को रोकने की कोशिश की तो उन पर गोली चला दी गई थी। किसी तरह झुक कर उन्होंने जान बचाई थी। उसी दौरान हाथ में पिस्तौल लेकर शाहरुख पठान उनकी तरफ बढ़ता दिखा था। यह घटना एक कैमरे में कैद हो गई थी। इस मामले में शाहरुख पठान ने जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, उसमें जेल में खतरा और केस के ट्रायल में देरी को आधार बनाया था। पठान ने एक जेल अधिकारी पर पिटाई करने का आरोप लगाया था।
अर्जी की सुनवाई के दौरान सीसीटीवी फुटेज चलाया गया तो कोर्ट ने पाया कि पठान ने जेल के नियम तोड़े, जिस पर जेल अधीक्षक ने उसे बुलाया था। उनके कक्ष से बाहर निकलते वक्त उसने बाहर खड़े दूसरे जेल अधिकारी की ओर आक्रामक इशारा किया, जिस पर अधिकारी ने उसे थप्पड़ मार दिया। कोर्ट ने माना कि अधिकारी को ऐसा नहीं करना चाहिए था। इसके साथ ही कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी।