‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले चिंताएं एवं जवाबदेही’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
चुनाव जीतने के लिए यह कुछ भी कर सकते हैं, राम मंदिर पर हमला भी करवा सकते हैं : प्रशांत भूषण
पुलवामा त्रासदी पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार
केंद्र सरकार से सांसदों ने की जे पी सी से जांच की मांग
दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले चिंताएं एवं जवाबदेही’ विषय पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।
सम्मेलन में पुलवामा त्रासदी का सच देशवासियों के सामने लाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित करने और राष्ट्रीय अभियान चलाने का निर्णय लिया गया,जिसके तहत देश भर में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विभिन्न राज्यों में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि चुनाव के पूर्व पुलवामा की घटना की तरह की त्रासदी दोहराए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि राम मंदिर पर हमला करवाकर या पीओके पर हमला कर देश में चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण करने की साजिश की जा सकती है।
सम्मेलन में सीमाओं पर लगातार शहीद हो रहे जवानों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रश्न को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, पुलवामा त्रासदी में शहीद 40 जवानों की शहादत के कारणों की जांच के नतीजे सार्वजनिक करने, त्रासदी के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही करने, श्वेत पत्र जारी करने, सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराने या जेपीसी गठित करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए।
सम्मेलन में धार्मिक स्थलों पर हमले की आशंका के चलते सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
सम्मेलन की ओर से देशवासियों से सांप्रदायिक ताकतों को अलग-थलग करने तथा विभाजनकारी ताकतों को एकजुट रहकर परास्त करने की अपील की गई।
सम्मेलन को पहले सत्र में सेवानिवृत्त मेजर जनरल बिशम्बर दयाल, सीमा सुरक्षा बल के सेवानिवृत्त अतिरिक्त महानिदेशक संजीव के सूद, जनहित याचिकाओं के प्रख्यात अधिवक्ता प्रशांत भूषण, जस्टिस फार वार विडोज़,ओ. आर. ओ. पी. आन्दोलन की सुदेश गोयट, लेखक, शोधकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता फिरोज़ मीठीबोरवाला ने पुलवामा त्रासदी को लेकर तथ्यात्मक जानकारी और विश्लेषण प्रस्तुत किया।
द्वितीय सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (कांग्रेस), सांसद कुमार केतकर (कांग्रेस), पूर्व मंत्री भक्त चरणदास (कांग्रेस), सांसद जॉन ब्रिटास (सीपीएम), पूर्व सांसद जावेद अली खान (सपा), का.दीपांकर भट्टाचार्य (महासचिव सीपीआई -एम एल लिबरेशन), महाराष्ट्र से विद्या चौहान (अध्यक्ष -महिला विंग, एनसीपी), सांसद दानिश अली( बीएसपी), विधायक बी आर पाटिल (कांग्रेस, कर्नाटक), पूर्व सांसद भालचंद्र मुंगेकर (कांग्रेस, महाराष्ट्र) आदि ने संबोधित किया।