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दिल्ली/रोहिणी -अंशुल त्यागी
विजयदशमी पर रावण को जलाने की परंपरा तो सैंकड़ों साल पुरानी है लेकिन रोहिणी सेक्टर -2 में तो प्रधानमंत्री ‘मोदी’ का पुतला फूंका गया। स्थानीय दुकानदार मंदी की मार झेल रहे हैं और इसके लिए वो ‘मोदी’ की नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं। यही वजह है कि विजयादशमी के दिन इन्होंने प्रधानमंत्री ‘मोदी’ के पुतले का दहन किया और केंद्र सरकार की नीतियों को छोटे व्यापारियों के लिए रावण की नीति करार दिया। रावण के रूप में प्रधानमंत्री ‘मोदी’ का पुतला जलाने की खबर फैलते ही सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए और ‘मोदी’ के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। वहीँ इस ‘मोदी’ दहन में स्थानीय कांग्रेस नेता भी शामिल होते दिखे। पूछने पर इनका कहना था कि ये भी स्थानीय व्यापारी हैं और इसी नाते शामिल हुए हैं। रावण दहन की जगह ‘मोदी’ दहन का ये नजारा भले ही रोहिणी में व्यापारियों के एक छोटे समूह के द्वारा किया गया हो लेकिन इस तरह के विरोध प्रदर्शन हैरान जरूर करते हैं। सवाल ये है कि क्या छोटे व्यापारी और दुकानदार ‘मोदी’ की नीतियों से इतने नुकसान में चले गए हैं कि उनको देश के प्रधानमंत्री ही रावण नज़र आते हैं ?