Monday, May 6, 2024
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दिल्ली -प्लास्टिक निस्तारण द्वारा अशोक विहार को प्लास्टिक रहित बनाने की अनूठी मुहीम शुरू

प्रियंका आनंद , दिल्ली दर्पण दिल्ली।

प्रियंका आनंद , दिल्ली दर्पण दिल्ली।

पर्यावरण का संकट हमारे सामने दिन प्रतिदिन गहरा रहा है। इसके दुष्परिणाम भी प्राकृतिक आपदा ,महामारी जलसंकट के रूप में हमारे सामने आ रहे है। लिहाज़ा अब जागरूक लोग यह महसूस करने लगे है कि पर्यावरण की इस चुनौती को जन भागीदारी द्वारा हीं निपटा जा सकता है। जान भागीदारी की ऐसी ही एक मिसाल फेडरेशन ऑफ़ अशोक विहार आरडब्लूए ने पेश की है। फेडरेशन ने कुछ संस्थाओं के सहयोग से अशोक विहार को प्लास्टिक रहित बनाने की मुहीम शुरू की है। इसके लिए सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। व्हाट्सअप के जरिये इसके दुष्प्रभावों पर चर्चा की जा रही है। 

फेडरेशन के प्रधान डॉ एच.सी. गुप्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभियान के तहत लोगों से अपील की जा रही है कि वे प्लास्टिक वाला कूड़ा अलग रखें। साथ ही यह सुनिश्चित करें की कूड़ा सूखा और साफ़ हो। इसके लिए लोगों को आकर्षक और यूजर्स फ्रेंडली कंटेनर निःशुल्क दिया जा रहे है। इस कूड़े को उठाने के लिए सप्ताह में के बार कूड़े की गाडी उनके घर तक आएगी। केशव पुरम जोन चैयरमैन योगेश वर्मा भी इस अभियान में पूरा सहयोग कर रहे है। डॉ एच.सी. गुप्ता ने कहा की प्लास्टिक के कमर्शियल को रोकना हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन इसका सहित निस्तारण हम लोग कर सकतें है। पैकिंग वाला प्लास्टिक का कूड़ा कचरे में जाकर ऐसा हो जाता है कि उसे सामान्य कूड़े में ही फेंका जा सकता है। इस कूड़े को जमीन में दबा दो या समुद्र में फेंक दो यह नष्ट नहीं होता बल्कि जल और जमीन और जीवन सभी के लिए बहुत हानिकारक होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सड़क बनाने में हो सकता है। यदि हम आने वाली पीढ़ी को सुरक्षा देना चाहतें है तो हमें यह करना ही होगा। 

फेडरेशन के महासचिव प्रमोद कोहली ने कहा कि स्थानीय लोगों को इस नेक काम से जुड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मुहीम से “ग्रीन गुड डीड सपोर्टर्स ” के रूप में जुड़कर 20 या उससे अधिक परिवारों को जोड़ेंगे उन्हें  “ग्रीन एम्बेसडर “कहा जाएगा और प्रचार सामग्री में उनका उल्लेख होगा। मुहीम से जुड़े फेडरेशन के कोषाध्यक्ष केएल शर्मा ,कानूनी सलाहकार एडवोकेट रत्ना अग्रवाल ने कहा की यह एक क्रान्ति की शुरुआत है। इस क्रांति से अग्रोहा विकास ट्रष्ट ,ग्रीन हैंड्स सामाजिक संस्थाएं भी जुडी है। जो भी लोग इस मुहीम से जुड़ रहे है उन्हें प्लास्टिक को एकत्र करने के लिए आकर्षक व यूज़र्स फ्रैंडली कंटेनर नि:शुल्क भेजा जा रहा है। लोग खुद जड़ रहे है और लोगों से भी मोबाइल नंबर लेकर उन्हें जोड़ रहे है। 

जाहिर है लोगों को लगाने लगा है कि यदि पर्यावरण के प्रति लापरवाही जारी रही तो आने वाली जहरीले वातावरण में जीने की जदोजहद करते दिखेगी। ये वजह ही की लोग इस मुहीम को सुनकर ही तारीफ कर रहे है। 

फेडरेशन के महासचिव प्रमोद कोहली ने कहा कि स्थानीय लोगों को इस नेक काम से जुड़ने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस मुहीम से “ग्रीन गुड डीड सपोर्टर्स ” के रूप में जुड़कर 20 या उससे अधिक परिवारों को जोड़ेंगे उन्हें  “ग्रीन एम्बेसडर “कहा जाएगा और प्रचार सामग्री में उनका उल्लेख होगा। मुहीम से जुड़े फेडरेशन के कोषाध्यक्ष केएल शर्मा ,कानूनी सलाहकार एडवोकेट रत्ना अग्रवाल ने कहा की यह एक क्रान्ति की शुरुआत है। इस क्रांति से अग्रोहा विकास ट्रष्ट ,ग्रीन हैंड्स सामाजिक संस्थाएं भी जुडी है। जो भी लोग इस मुहीम से जुड़ रहे है उन्हें प्लास्टिक को एकत्र करने के लिए आकर्षक व यूज़र्स फ्रैंडली कंटेनर नि:शुल्क भेजा जा रहा है। लोग खुद जड़ रहे है और लोगों से भी मोबाइल नंबर लेकर उन्हें जोड़ रहे है। 

जाहिर है लोगों को लगाने लगा है कि यदि पर्यावरण के प्रति लापरवाही जारी रही तो आने वाली जहरीले वातावरण में जीने की जदोजहद करते दिखेगी। ये वजह ही की लोग इस मुहीम को सुनकर ही तारीफ कर रहे है। 

ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर साधा निशाना

नेहा राठौर

देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार ने कल संसद में कितनी बेशर्मी से सफेद झूठ बोला है कि देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आज केंद्र की उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली बल्कि केजरीवाल को गाली देना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जांच कराएगी ताकि जल्द ही सच सबके सामने आ सके।

सिसोदिया ने कहा कि संसद में कल एक सवाल उठा जो की बहुत ही संवेदनशील था। सब जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पूरे देश में ऑक्सीजन को लेकर क्या स्थिति थी, चारों तरफ अस्पताल, डॉक्टर, मरीज और उनके तीमारदार की तरफ से त्राहि-त्राहि मची हुई थी। उस वक्त देश में ऑक्सीजन का संकट था। ऐसे में कल जब संसद में यही सवाल उठा तो केंद्र सरकार ने बहुत ही बेशर्मी से देश की संसद में झूठ बोला कि पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में यानी 15 अप्रैल के बाद से 5 मई से 10 मई के बीच पूरे देश में जो स्थिति थी। उसमें ऑक्सीजन का मिसमैनेजमेंट केंद्र सरकार की ओर से हुआ था और इसी मिसमैनेजमेंट की वजह से पूरे देश के सभी अस्पतालों में त्राहि-त्राहि मची गई थी।

केंद्र का मिसमैनेजमेंट

सिसोदिया ने कहा कि इसी मिसमैनेजमेंट के कारण उस दौरान देश में बहुत जाने गई थीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मैं खुद ऑक्सीजन का मैनेजमेंट सम्भाल रहा था। मैं जानता हूं किस तरह से मेरे व्हाट्सएप पर ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों से डॉक्टर्स के, मरीजों के, उनके परिवारों के मैसेज भरे हुए थे कि हमें ऑक्सीजन दे दीजिए वरना हमारा आदमी मर जाएगा। सरकारी अस्पतालों में मैंने खुद खड़े होकर ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन देखा है। केंद्र सरकार सिर्फ अपनी गलतियों को छुपाने के लिए कि उन्होंने ही इस देश में ये डिजास्टर खड़ा किया है। 13 अप्रैल के बाद से केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की नीति बदली जिसके कारण ये ऑक्सीजन डिजास्टर खड़ा हुआ।

केंद्र सरकार को ये जिम्मेदारी अपने सर पर लेनी ही पड़ेगी क्योंकि लोग जानते हैं कि केंद्र सरकार ने किस तरह से सारे मामले को खराब किया था। जिस बेशर्मी से कल केंद्र ने झूठ बोला, आज उसी बेशर्मी को अंडरलाइन करने के लिए बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए। जिम्मेदारी लेने की बजाय वह झगड़ना शुरू कर देते हैं, केजरीवाल को गाली देना शुरू कर देते हैं। आज भी उन्होंने यही किया वह प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए और उन्होंने जिम्मेदारी नहीं ली।

केंद्र ने दिल्ली सरकार की जांच पर लगाई रोक

हर बार केंद्र जिम्मेदारी लेने की बजाय अगर केजरीवाल जी को गाली देगा तो उससे केंद्र के पाप थोड़ी छुप जाएंगे। 100 साल बाद जब इस बात की चर्चा होगी कि जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी, उस वक्त केंद्र सरकार अपनी मूर्खतापूर्ण नीतियों से इस देश को ऑक्सीजन के संकट में धकेलने में लगी हुई थी। दिल्ली सरकार ने माना है कि हां ऑक्सीजन की कमी के कारण मौते हुई हैं और इस बात की जांच भी होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने तो यह भी कहा कि अगर किसी परिवार में ऑक्सीजन की कमी की से मौत हुई है तो उस परिवार को 5 लाख तक मुआवजा दिया जाएगा। अब इसमें भी केंद्र सरकार रोड़े अटकाने में लगी हुई है।

जबकि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा भी कि हम एक समिति बना रहे हैं जो ऑक्सीजन की कमी की वजह से हो रही मौत के आरोपों की जांच करेगी। यह समिति ये तय करेगी कि किसकी कमी की वजह से ऑक्सीजन की कमी हुई। तो केंद्र सरकार को लगा कि इसमें तो हम जिम्मेदार माने जाएंगे कि हमने मिस मैनेजमेंट किया है वो सब सामने आ जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई इस समिति को बनाने ही नहीं दिया, एलजी से कहकर इसे रुकवा दिया।

सागर धनखड़ हत्याकांड- सुशील पहलवान के खिलाफ पुलिस ने तैयार की चार्जशीट

नेहा राठौर

ओलंपियन सुशील कुमार के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच  पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में जुटी है। 3 अगस्त को पुलिस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है। जिसमें क्राइम ब्रांच ने कुल 18 लोगों को इस हत्याकांड में आरोपी बनाया है, जिनमें से 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सागर धनखड़ के अपहरण और हत्या केस के मास्टरमाइंड सुशील कुमार अब इस मामले में बुरी तरह फंस चुके हैं। पुलिस के मुताबिक सागर धनखड़ को वर्चस्व के चलते मारा गया था। पुलिस द्वारा बनाई गई चार्जशीट में सीसीटीवी फुटेज को एक अहम सबूत बताया गया है।

बता दें कि मौका-ए-वारदात से जो सीसीटीवी मिला था। उसमें कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था। लेकिन अब क्राइम ब्रांच ने टेक्नोलॉजी के जरिए उसकी क्वालिटी को ठीक करवा लिया है, जिसमें अब साफ देखा जा सकता है कि सुशील और अन्य आरोपियों ने अपने हाथों में हथियार ले रखे हैं और सागर को मार रहे हैं।

पुलिस ने चार्जशीट में आरोपियों, चश्मदीदों के बयानों और घटनास्थल से मिली गाड़ियों को ठोस सबूत बताया है। वहीं, पुलिस को उन गाड़ियों में जो हथियार मिले थे उनका भी जिक्र किया है।


गौरतलब है कि पहलवान सागर धनखड़ की 4 मई को ओलंपियन सुशील कुमार के साथ मारपीट के दौरान मौत हो गई थी। उसके बाद सुशील कुमार वहां से फरार हो गया था। उसे पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने कई टीमें बनाई थी।

लगातार कोशिश के बाद आखिरकार 23 मई को पहलवान की गिरफ्तारी हुई। मामले की जांच के दौरान सामने आया की सुशील कुमार के संबंध कई गैंग्सटर्स के साथ थे।  

रोहिणी- आपसी-रंजिश के चलते बाइक सवार ने एक युवक पर चलाई ताबड़तोड़ गोलियां, आरोपी गिरफ्तार

दिल्ली दर्पण टीवी

प्रशांत विहार इलाके में मंगलवार को एम्बिएंस मॉल के बाहर बाइक सवार तीन लोग एक युवक पर ताबड़ तोड़ गोलियां बरसा कर फरार हो गये, लेकिन पुलिस की स्पेशल सेल ने उन्हें महज चंद घंटों में ही दबोच लिया। घायल युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस को शुरुआती जांच में मालमा आपसी रंजिश का लग रहा है। प्रशांत विहार थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

मामले में पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है उनका नाम  पारस झा उर्फ़ बिहार, राहुल ठाकुर उर्फ़ हड्डी, और सूरज तिवारी उर्फ़ शिवा बताया जा रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ कि तो घायल युवक की पहचान बुध विहार श्याम कॉलोनी के निवासी गौरव के रूप में हुई। गौरव इस मॉल में डिलवरी रिसीवर का काम करता था। बताया जा रहा है कि बाइक पर तीन लोग थे, जिन्होंने ताबड़ तोड़ दो गोली गौरव पर चलाई। एक गोली दाहिने हाथ पर और दूसरी गोली गर्दन के निचे लगी है। घायल हालत में गौरव को रोहिणी के अम्बेडकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। परिजनों को इसकी सूचना किसी ने फ़ोन पर दी।

प्रारम्भिक जांच में ही मामला आपसी रंजिश का लग रहा था। पूछताछ में पता चला कि  गौरव का छोटा भाई बुद्धविहार के ही रहने वाले एक शख्स शिवम् ठाकुर उर्फ़ मुखिया की ह्त्या के आरोप में जेल में बंद है। लिहाज़ा पुलिस ने रंजिस के ऐंगल से जांच की तो पुलिस ने तीन लोगों को दबोच लया। इन तीनों ने शिवम् उर्फ़ मुखिया की ह्त्या का बदला लेने के मकसद से गौरव पर गोलियां चलाई थी। बहरहाल, गौरव रोहिनी अम्बेडर हॉस्पिटल में है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। रोहिणी जिले डीसीपी के अनुसार इन तीनों का पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है। सभी की उम्र 20 और 25 के बीच है। इतनी छोटी उम्र के युवकों के बीच खुनी रंजिश सचमुच बेहद चौकाने वाली ही नहीं चिंताजनक भी है।

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रोहिणी: बढ़ती चोरी की घटनाओं पर थानाध्यक्ष भूपेश कुमार ने बुलाई बैठक

नेहा राठौर

रोहिणी सेक्टर 8 में निरन्तर होती झपटमार, लूट और कार चोरी की घटनाओं के मद्देनजर बुधवार को क्षेत्रीय थानाध्यक्ष भूपेश कुमार ने एसोसिएशन के प्रमुख और जागरूक चुनिंदा लोगों के साथ एक मीटिंग रखी गयी।

जहां करीब डेढ़ से दो घंटे चली मीटिंग में चोरों के आतंक और पुलिस के साथ होने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

मीटिंग के दौरान रोहिणी के थानाध्यक्ष भूपेश ने भरोसा दिलाया है कि वो सेक्टर 8 की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी फैसले होंगे, वो एसोसिएशन के सहयोग के साथ लेंगे। उन्होंने इसके लिए RAWs और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग की अपील की।

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मीटिंग में वहां के SHO ने सेक्टर 8 की सुरक्षा के लिए सेक्टर 7 से 13 कटो को पब्लिक और पुलिस के सहयोग से रात को बंद करने की जरूरत बताई है। इसके लिए सेक्टर 8 के RAW के महासंघ के पदाधिकारियों ने SHO का साथ देने का आश्वासन दिया है। साथ ही SHO ने इलाके में जिन लोगों की गाड़ियां चोरी हुई हैं, उन सब को स्वयं इस केस की निगरानी करने का भरोसा दिया है।

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