–अभिजीत ठाकुर
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर एक अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं। दरअसल डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों में केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय के उस फैसले को लेकर नाराजगी है जिसके तहत सफदरजंग समेत दिल्ली के तीन अन्य मेडिकल कॉलेजों को इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से हटा कर दिल्ली विश्वविद्यालय के आधीन करने की बात कही जा रही है। शुक्रवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल , एसीएमएस, एनडीएमसी , राम मनोहर लोहिया के छात्रों और डॉक्टरों ने सफदरजंग अस्पताल में ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करते डॉक्टर और छात्रों ने ये चेतावनी दी है की अगर केंद्र सरकार ने उनकी माँगों पर विचार नहीं किया तो वो सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएँगे। डॉक्टरों का कहना है की अगर इन मेडिकल कॉलेजों को दिल्ली विश्विद्यालय के आधीन किया गया तो सीटों की संख्या काफी कम हो जायेगी। पहले से ही डॉक्टरों की कमी झेल रहे सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियाँ झेलनी पड़ती है ऐसे में अगर सीटें घटी तो डॉक्टरों का कहना की जो मौजूदा स्टाफ़ है उसपर काम अतिरिक्त दबाव होगा और चिकित्सा प्रणाली की स्थिति भी बदतर होगी।
सफदरजंग कुल 1600 बिस्तरों का अस्पताल है और आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक दिन कुल 7000 मरीजों का इलाज यहाँ किया जाता है। ऐसे में अगर चिकित्सक और छात्र हड़ताल पर जाते हैं तो दिल्ली में लोगों को बड़ी समस्या से जूझना पड़ सकता है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन को अन्य मेडिकल कॉलेजों का भी समर्थन मिल रहा है और संभव है की अगस्त के पहले दिन शुरू होने वाले अनिश्चितकालीन हड़ताल में बाकी के अस्पताल भी शामिल हो जाएँ। ऐसे में दिल्ली के सामने एक बड़ा स्वास्थय संकट खड़ा हो सकता है।