[bs-embed url=”https://youtu.be/OHI3RABXTGo”]https://youtu.be/OHI3RABXTGo[/bs-embed]
जहाँ एक तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समूचे देश को खुले में शौच करने की मजबूरी से मुक्ति दिलाना चाहते है वही दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली से महज कुछ किलोमीटर दूर प्रधानमंत्री की इस मुहिंम को बट्टा लगाने में कोई कोर कसर बाकि नजर नहीं आती है .. दरअसल हम बात कर रहे है दिल्ली से सटे गाजियाबाद की.. जहाँ कुल १०० वार्डो में से 25 से जादा ऐसे वार्ड हैं जहा पर पब्लिक प्लेस पर एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है.. एक तरफ राजधानी दिल्ली में—- खासकर नयी दिल्ली के इलाके में थोड़ी थोड़ी दूरी पर पब्लिक टॉयलेट्स बने हुए है वही गाजियाबाद में ये पूरी तरह से नदारद दिखते हैं। यही वजह है की जिसे जहाँ जगह मिलती है वहीँ शुरू हो जाता है। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत महिलाओं के सामने आती है… दिल्ली एनसीआर के नंबर 1 वेब टीवी दिल्ली दर्पण की टीम ने गाजियाबाद के बहुत बड़े इलाके का दौरा किया लेकिन उन्हें एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं मिला…हमारी टीम वैशाली, वशुन्धरा, इंदिरापुरम, विजय नगर, प्रताप विहार कौशाम्बी सभी जगह गयी लेकिन किसी भी जगह हमे शौचालय नहीं मिला…एक मिला भी तो कोशाम्भी इलाके मैं मिला जहा पर शौचालय को इस्तेमाल करने पर २ रु या ५ रु देने पड़ते हैं .. ऐसा नहीं है की इस बात से इलाके के जन्प्रथिनिधि अनजान हो.. हमने जब इस मुद्दे पर साहिबाबाद क्षेत्र से विधायक सुनील शर्मा से इस बात की तो उन्होंने खुद ये स्वीकार किया की ये परेशानी है। सवाल ये है की अगर यही हालात रहे तो कैसे सच होगा स्वच्छ भारत का सपना…और हो सकता है की आने वाले समय में गाजियाबाद स्वच्छ शहरों की लिस्ट में 351 वें स्थान से लुढ़क और और भी नीचे पहुँच जाए