दिल्ली – मंगलवार,13 फरवरी महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव आसानी से प्रसन्न होने वाले देवता हैं जो अपने भक्तों की मनोकामना जल्दी से पूरी कर देते हैं इसलिए उन्हें भोले नाथ भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार हर दिन भगवान शिव 24 घंटे शिवलिंग में विराजमान रहते है। महाशिवरात्रि का त्योहार शिवभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर पूरे मन से भगवान शिव की आराधना की जाए तो भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है। वहीं अगर किसी कारण से पूजा करते समय कोई भूल हो जाए तो भोलेनाथ क्रोथित भी हो जाते हैं। शिवपुराण में कुछ काम ऐसे बताए गए हैं जिसको पूजा करते समय नहीं करना चाहिए।हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय होती हैं विष्णुजी की पूजा में इनका इस्तेमाल जरूर होता है। लेकिन शिवपुराण के अनुसार शिवजी की पूजा में तुलसी के पत्तों से पूजा करना वर्जित माना जाता है।शिवजी की पूजा में हल्दी से पूजा करना अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए भूलकर भी शिवरात्रि पर शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए।शिवरात्रि पर आपको सादा भोजन करना चाहिए यानि मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन जीव हत्या से बचना चाहिए। तभी आपकी पूजा पूरी मानी जाएगी।अगर आप चाहते है कि इस शिवरात्रि को भगवान शिव आपके ऊपर विशेष कृपा बरसाएं तो सुबह ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। पूजा के लिए सुबह का समय उपयुक्त होता है। शिवरात्रि के दिन देर से उठना अशुभ माना जाता है। इस शिवरात्रि भोले भण्डारी की कृपा पाने के लिए क्रोध का त्याग करें यानि कि शिवरात्रि में व्रत रखने के दौरान किसी से बिना वजह लड़ाई झगड़ा न करें। शांत मन से पूरे दिन ओम नम: शिवाय के मंत्रों का जप करें।शिवजी की पूजा में शास्त्रों द्वारा बताए गए बर्तनों का उपयोग करना चाहिए। पूजा में भूलकर भी लोहे,स्टील और प्लास्टिक के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। शिवरात्रि के दिन पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस दिन शांत और शुद्ध मन से शिव-पार्वती की पूजा करना चाहिए।शिवरात्रि के दिन कभी भी किसी को कठोर शब्द नहीं कहना चाहिए अन्यथा आपकी पूजा स्वीकार्य नहीं होगी। शिवरात्रि पर इस बात का विशेषतौर पर ध्यान रखना चाहिए घर में किसी सदस्य से या फिर बाहर झगड़ा नहीं करना चाहिए।भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए।अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। इसलिए शिव जी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें कि चावल टूटे हुए तो नहीं है।शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को यदि प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। कहा जाता है की भगवान शिव को काला रंग पसन्द नहीं है, जिसके कारण इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।