डिम्पल भारद्वाज, संवाददाता
नई दिल्ली। सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय भूमिका निभाने वाली भारत विकास परिषद ने अपनी नई कार्यकारणी बनाई है। अपने नए संकल्पों के साथ कुछ संरक्षकों को भी शामिल किया है। इसके लिए27 सितंबर को पितमपुरा स्थिति परिषद के केंद्रीय कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह संधू, राष्ट्रीय महामंत्राी श्याम शर्मा, राष्ट्रीय वित्त मंत्राी सीए सम्पत खुरदिया, राष्ट्रीय समन्वयक अजय दत्ता, राष्ट्रीय संगठन मंत्राी सुरेश जैन एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केन्द्रीय कार्यालय महेश बाबू गुप्ता की उपस्थिति में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे। प्रमुख निर्णय के तहत चार चार गणमान्य हस्तियों को भारत विकास परिषद् के राष्ट्रीय संरक्षक के रूप मेें मनोनित किया गया था। वे देश के विभिन्न शहरों के थे। इनमें दो धर्मिक गरुओं के आलावा एक शिक्षाविद् और एक उद्योगपति हैं।
1. अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैन अध्यात्मिक मार्गदर्शक परम मुनि श्री नयापद्मसागर जी महाराज (मुंबई),
2. षष्ठाधीश्वर गोस्वामी 108, श्री द्वारकेशलाल जी महाराज (कांकरौली-बड़ोदरा),
3. के. के. अग्रवाल, संस्थापक कुलपति गुरु गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय एवं मौजूदा एन.बी.ए. के अध्यक्ष।
4. श्री विनय सूर्या, चेयरमैन सूर्या ग्रुप (दिल्ली)
उल्लेखनीय है कि भारत विकास परिषद ने समाज और देशहित में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इस सिलसिले पिछले दिनों परिषद में कोरोना महामारी से भारत सरकार की लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड में 2 करोड़ 11 लाख का दान देकर एक मिसाल कायम की है। अपनी जिम्मेदारी को पूरे जुनून और जज्बे के साथ निभाते हुए परिषद अब कुछ नए संकल्प के साथ नये लोगों को जोड़कर साथ आगे बढ़ना चाहती है। इसी कड़ी में परिषद ने देशभर के कई विशिष्ट लोगों को जोड़कर परिषद को नयी ताकत दी है।
जाहिर है भारत विकास परिषद ने गहन चर्चा के बाद जिन विषयों के साथ आगे बढ़ने का निर्णय लिया है वे देश की अहम् जरूरत भी है।`परिषद की प्रतिष्ठा देशभर में इसलिए भी जायदा है की वह देश को आत्मनिर्भरता के साथ सामाजिक और आर्थिक विकास की बात करता है। नयी कार्यकारणी भी इसी दिशा में तेज़ी से काम कर रही है और और लोग भी पुरे सेवा राष्ट्रीयता के भाव के साथ जुड़ रहे है।
परिषद के संकल्प
इस मौके पर परिषद ने कुछ संकल्प भी लिए, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण पर जोर देने की बात कही गई।
— समाज के पिछड़े एवं वंचित वर्ग की स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए उनको प्रेरित एवं जागृत करना।
— महिलाओं को स्वावलम्बी एवं सशक्त बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना।
— एनीमिया मुक्त भारत प्रकल्प को प्रभावी बनाना, विशेषकर महिलाओं को एनीमिया मुक्त बनाना।
— संगठन का विकास एवं सशक्तिकरण के लिए भारत विकास परिषद् की समाजिक एवं सेवा की गतिविध्यिों की प्रचार टोली का निर्माण करना।
— समाज के सम्पन्न वर्ग से सम्पर्क कर सेवा के लिए साधन जुटाने पर बल देना। — ग्राम विकास के लिए ‘एक शाखा एक गाँव’ को गोद लेकर गाँव को स्वच्छ रखने , स्वस्थ एवं शिक्षा के क्षेत्रे में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देना