तेजस्विनी पटेल, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामला लगातार बढ़ता ही जा रह है। बेकाबू मामलों से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं और ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान जा रही है। जिससे चारों तरफ कोहराम मचा हुआ है। इस बीच गुरु तेग बहादुर अस्पताल ने नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। अस्पताल का कहना है कि यहां एक भी बेड खाली नहीं है।
ऐसी स्थिति में नए मरीजों की भर्ती कैसे करें। वहीं दूसरी तरफ बेड के लिए कोरोना मरीज दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिल रहे हैं। बेड खाली नहीं होने से अस्पताल में मरीजों की भर्तियां नहीं हो रही हैं। ऐसे में मरीज अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि राजधानी में संक्रमितों की संख्या के साथ अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आलम यह है कि इस समय हर पांचवां संक्रमित मरीज अस्पताल में उपचार करा रहा है। पिछले साल मार्च में कोरोना की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार है जब अस्पतालों में मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार का मानना है कि संक्रमण की इस लहर में गंभीर मरीजों की संख्या ज्यादा है।
राजधानी में फिलहाल करीब एक लाख सक्रिय मरीज हैं। इनमें से 19,243 अस्पतालों में भर्ती हैं। लिहाजा, हर पांचवां संक्रमित अस्पताल में इलाज करा रहा है। इनमें से 15 हजार मरीज ऑक्सीजन स्पोर्ट पर और करीब चार हजार आईसीयू में हैं। पिछले करीब एक माह से अस्पतालों में रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 29 मार्च को कुल 1468 मरीज अस्पतालों में थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 19,243 हो गई है। इस हिसाब से देखें तो एक महीने में 17 हजार से ज्यादा रोगी भर्ती हुए हैं।