नेहा राठौर, संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में शनिवार को केजरीवाल सरकार ने दो अहम एजुकेशन प्रोजेक्ट यूथ फॉर एजुकेशन और पैरेंटल इंगेजमेंट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। इस एजुकेशन प्रोजेक्ट से छात्रों को करियर बनाने में कैसे मिलेगी मदद।
बता दें कि इन दोनों एजुकेशन प्रोजेक्ट का उद्देश्य सिर्फ बच्चों की वन-टू-वन मैपिंग करना और अलग-अलग समुदाय को स्कूल से जोड़ने का है। विदेशों में वन-टू-वन मैपिंग की प्रैक्टिस एक आम बात है। हर एक बच्चे के लिए वन-टू-वन मैपिंग और उनके व्यक्तिगत प्रोफाइल को समझना बेहद जरूरी है। ऐसे में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों को यह प्रैक्टिस कारना बहुत बड़ी चुनौती है। इसलिए इन दोनों एजुकेशन प्रोजेक्ट को लाया गया है ताकि बच्चें अपना करियर सही से बना सकें।
इन दोनों प्रोजेक्ट में से यूथ फॉर एजुकेशन प्रोग्राम एक तरह का वॉलिंटियरिंग प्रोग्राम है। जिसमें 20 से 30 साल के पढ़े लिखे युवा छात्रों को गाइडेंस दे सकते हैं और उन्हें उनके करियर को लेकर मार्गदर्शन भी दे सकते हैं। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के 46 स्कूलों में संचालित किया गया है। इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2 लाख से अधिक मेंटर्स को जोड़ना है ताकि 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाले 5.5 लाख बच्चों का मार्गदर्शन सही ढंग से हो सके। हाल ही में पायलट प्रोजेक्ट में 650 मेंटर्स को जोड़ा है जिन्होंने 4000 बच्चों को गाइडेंस दी।