दिल्ली दर्पण ब्यूरो
अशोक विहार। नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ने तीन खूंखार अपराधियों को गिरफ्तार कर ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देते वक्त हत्या करने से भी गुरेज नहीं करते थे। इस गिरोह ने 7 और 8 जून की रात को दिल्ली की सड़कों पर ऐसी ही कई वारदातों को अंजाम दिया। यूपी के लोनी इलाके के रहने वाले ये तीन बदमाश 28 वर्षीय रिज़वान, 29 वर्षीय शमशाद और 20 वर्षीय नासिर 7 जून की रात चोरी की सेंट्रो गाडी से आये और शालीमार बाग़ में चोरी के प्रयाश में फायरिंग पंजाबी बाग़ में लूट और ह्त्या व आईपी स्टेट और डिफेंस कॉलोनी इलाके में लू टऔर लूट की कोशिश की और फिर तड़के फरार हो गए।
नार्थ वेस्ट जिला पुलिस ने सिल्वर कलर की सेंट्रो कार की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इन तक पहुंच गई। पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक फरार है। विगत 8 जून को सुबह पुलिस को सूचना मिली कि तड़के करीब ढाई बजे शालीमार बाग़ इलाके के सिंघल पुर गांव में गोली चली है। मौके पर पहुंचे पुलिस को जांच में पता चला की एक सिल्वर रंग की सेंट्रो गाडी में कुछ लोग आये और उन्होंने एक ई-रिक्शा चोरी करने की कोशिश की लेकिन ई-रिक्शा मालिक जाग गया और उसने शोर मचा दिया। इन बदमाशों ने उस पर गोली चला दी। इसकी किस्मत अच्छी थी की गोली उसे न लगाकर वही पास के एक घर के एसी पर लगी। पुलिस ने केस दर्ज़ कर जांच शुरू की आगे पता लगा इसी सेंट्रो गाडी पर आये लोगों ने पंजाबी बाग़ इलाके में भी एक ट्रक ड्राइवर को लूटा और उसकी गोली मार कर ह्त्या कर दी।
इसकी बाद ये खूंखार बदमाश आईपी स्टेट इलाके पहुंचे और इन्होने एक ऑटो में सवार सवारी से मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और पर्स लूट लिया। इसके बाद इन्होने डिफेन्स कॉलोनी में पिस्टल की नौक पर मूल मेट्रो स्टेशन के पास लूट का प्रयाश किया। इन सभी वारदातों में सामने आया की ये सभी वारदातें सिल्वर कलर की सेंट्रो में सवार तीन से चार लोगों ने की है। इस मामले की जाँच नार्थ वेस्ट जिला पुलिस उषा रंगनानी ने इस मामले की जाँच के लिए दो अलग अलग टीम बनाकर शालीमार बाग़ थाना पुलिस के साथ साथ स्पेशल स्टाफ को भी लगाया गया।
एक टीम इंस्पेक्टर अनिल कुमार स्पेशल स्टाफ की अगुवाई में बनी जिसमें एसआई कुलदीप , हिमांशु, विजेंद्र, यशपाल, हवलदार सोमदत्त, सिपाही अंकुश और सोमबीर को रखा गया, शालीमार बाग़ थाना पुलिस की टीम में थाना अध्यक्ष शेर सिंह, इंस्पेक्टर हारून, एसआई बिजेंद्र सिंह, सिपाही जंगबहादुर,संजीव को रखा गया। दोनों टीमों ने आपसी तालमेल के साथ काम किया। जांच में सेंट्रो कार के अलग अलग इलाकों से सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। पुलिस ने रिवर्स रुट पर फोकस किया तो पाया की एक जगह पर वह कार महेंद्र पार्क के बडोला गांव में करीब दो तीन घंटे रही। पूछताछ में पता चला की इसमें तीन लोग थे। पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस के आधार पर एक शख्स की शिनाख्त की और एक नाम पर सन्देश हुआ की यह इरसाद उर्फ़ और उसका साथी रिज़वान हो सकता है। रिज़वान गाजियाबद के लोनी इलाके का रहने वाला है। इस शख्स की शिनाख्त के बाद पुलिस ने लोनी और मेरठ में इनकी तलाश शुरू की तो रिज़वान, नासिर और शमशाद तक पहुंच गए और इन्हे गढमुक्तेश्वर में दबोच लिया। पूछताछ में इन्होने अपना जुर्म कबूल कर लिया की 8 जून को इन्होने ये वारदातें की थी। रिज़वान ने बताया की उन्होंने दिल्ली में तमाम वारदातों को अंजाम देने के बाद सिल्वर कलर की उस सेंट्रो कार को बागपत जिले के फाजलपुर में जला दिया। पुलिस ने जली हालत में उस कार को भी बरामद कर लिया है। इस कार में इन्होने फ़र्ज़ी नंबर प्लेट का इस्तेमाल किया था। सही नंबर DL3CAP 3726 है। यह गाडी नार्थ वेस्ट जिले के ही जहांगीर पुर से चुराई गई थी। इन सभी की गिरफ्तार कर नार्थ वेस्ट जिला पुलिस पंजाबी बाग़ में ट्रक ड्राइवर की ह्त्या सहित तमाम वारदातों को सुलझाने का दावा किया है।
पुलिस अब इनके एक साथी की तलाश के साथ साथ वारदात में इस्तेमाल रिवाल्वर की तलाश भी कर रही है। इनकी गिरफ्तारी यही साबित करती है दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों के बदमाशों के लिए दिल्ली एक सॉफ्ट टारगेट बन गया है। लेकिन इनकी गिरफ्तारी यह भी साबित करती है की यदि पुलिस तरकीब और तालमेल के साथ काम करे तो अपराधी चाहे कितने ही चालक हो पुलिस के हाथ उनकी गिरेहबान तक पहुंच ही जाते है।