नेहा राठौर
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए आईपीएस, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और तमाम अर्धसैनिक बलों में दिव्यांग जनों को मिलने वाले 4 फीसदी कोटे को खत्म कर दिया है। इस फैसले को दिल्ली समेत सभी केंद्र शासित राज्यों की पुलिस पर लागू किया गया है। इस फैसले के बाद से एसएसबी, बीएसएफ, आईटीबीपी, असम रायफल्स, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ में दिव्यांज जनों को जो कोटा दिया जाता था अब उन्हें नहीं मिलेगा।
आने वाले चुनावों को लेकर समानता के अवसर और समाज के पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की बात करने वाली बीजेपी का यह फैसला काफी अटपटा या कहें कि चौंकाने वाला है। इसकी जानकारी दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग ने एक नोटिफिकेशन के जरिए दी गई है। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक सेक्शन 34 के सब-सेक्शन(1) के अंर्तगत दिव्यांग जनों को मिलने वाले आरक्षण के दायरे से कुछ सेवाओं को खत्म कर दिया गया है।
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दिव्यांग जनों को आरक्षण से जिन सेवाओं को बाहर किया गया है, उनमें दिल्ली, इंडियन पुलिस सर्विसेज, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप व दमन एवं दीव और दादर एवं नागर हवेली पुलिस शामिल है। इतना ही नहीं यह फैसला एसएसबी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी जैसे अर्धसैनिक बलों पर भी लागू किया गया है। वहीं इस फैसले में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को शामिल किया गया है।
जब इस पर दिव्यांग जन सशक्तीकरण विभाग की सेक्रेटरी अंजलि भावरा से पुछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह जानकारी एक नोटिफिकेशन के जरिए दी गई है। आने वाले समय में केंद्र सरकार को अपने इस फैसले के चलते दिव्यांज जनों का विरोध झेलना पड़ सकता है। बता दें कि इन सेवाओं में ज्यादातर फील्डवर्क ही होता है। शायद यही वजह हो सकती है कि केंद्र सरकार ने दिव्यांग आरक्षण को खत्म करने का इतना बड़ा कदम उठाया।
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