नेहा राठौर
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जामताड़ा(झारखंड) गैंग से जुड़े 14 साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े जाने के बाद पुलिस लगातार इन अपराधियों से पूछताछ में जुटी हुई है, जिनमें कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में हुई पूछताछ के दौरान अपराधियों ने खुलासा किया कि उन्होंने अब तक देश के 27 प्रदेशों में 1624 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। इस गैंग ने इन 1624 लोगों से 30 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। पुलिस के मुताबिक जामताड़ा गैंग, अब तक देश में सबसे ज्यादा लोगों से ठगी करने वाली गैंग है।
पुलिस के मुताबिक यह गैंग ठगी करने के लिए यूपीआई पेमेंट, केवाईसी, बैंक के फर्जी ऐप, बारकोड और साइट्स का इस्तेमाल करता था। हैरानी बात तो यह है कि यह गैंग बारकोड की मदद से भी लोगों को मैसेज भेजता था और जैसे ही लोग इस बारकोड को स्कैन करते थे, तो उनके बैंक खाते से सारा पैसा उड़ा लिया जाता था। इसको लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करते हुए लोगों को सावधान भी किया था कि अगर कोई आपके पास लिंक भेजे या यूपीआई आईडी या केवाईसी आईडी मांगे या फिर कोई बारकोड भेजे तो उसको बिल्कुल स्कैन न करें। ये सब इन ठगों की चालें होती हैं।
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ठगी सीखने के लिए दी भारी कीमत
वहीं एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि पूछताछ के दौरान अपराधियों ने बताया कि गैंग के सरदार अल्ताफ अंसारी उर्फ रॉकस्टार और गुलाम अंसारी उर्फ मास्टरजी ने साइबर ठगी का तरीका सीखने के लिए पूरे दो लाख रुपये खर्च किये थे। इन दोनों मास्टरमाइंड्स ने बकायदा जामताड़ा के टॉप मोस्ट साइबर ठग से जालसाजी की सीखी है। अब दिल्ली पुलिस साइबर सेल को इन दोनों को ट्रेनिंग देने वाले की तलाश है।
नकली वेबसाइट बनाकर भेजे मेसेज
दिल्ली पुलिस के अनुसार पैसा लेने के लिए ये गैंग नकली वेबसाइट और यूपीआई का प्रयोग करता था। इस गैंग ने इस काम में महारत हासिल कर रखी है। सबसे पहले ये लोग नकली वेबसाइट बनाते थे फिर उसके जरिए लोगों को थोक में सैकड़ों में लोगों को मेसेज भेजते थे। जैसे ही लोग इनके जाल में फंस जाते थे, ये लोग उनसे यूपीआई भुगतान के जरिए पैसे मांगते थे।
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