बबीता चौरसिया
नई दिल्ली। आज से हिन्दुओं का महापर्व यानी छठ का त्योहार शुरू हो गया है। दिवाली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की छठी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पहले दिन नहाए-खाए की परंपरा होती है। आज के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दिल्ली की यमुना नदी में स्नान कर सूरज देवता की पूजा-अर्चना की।
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जहां एक तरफ लोगों में छठपूजा को लेकर उमंग व उत्साह देखने को मिला तो वहीं उनके मन में यह डर भी नजर आया कि कहीं इस बार छठ के अवसर पर हम छठी-मइया के आर्शीवाद की जगह अपने घर बीमारी न लेकर आ जाएं। कालिंदी कुंज इलाके में यमुना नदी के पानी में जहरीला झाग होने के बावजूद भी व्रति आस्था के साथ इस पानी में डुबकी लगा रहें है।
दिवाली पर हुई आतिशबाजी और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के बाद राजधानी दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण ही उसमें झाग बन रही है। झाग वाले पानी में लोगों के स्नान करने की तस्वीर आने के बाद से उस पर सियासत भी तेज हो गई है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरा है। तो वहीं सांसद मनोज तिवारी ने भी दिल्ली सरकार पर तंज कसते हुआ कहा, कि ‘इसी वजह से मुख्यमंत्री ने यमुना किनारे छठ पूजा मनाने पर रोक लगाई थी।’
सरकार किसी भी पार्टी की हो, लेकिन यमुना के पानी का हाल यही रहता है। सफाई की भी बात तभी होती है, जब त्योहारों को समय हो या फिर चुनावी माहौल हो। जैसे ही चुनाव के नतीजे आए और त्योहारों का समय गुजरा उसके बाद यमुना नदी के जल को साफ करने का वादा भी कागजों में ही सिमट कर रह जाता है।
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