Saturday, May 11, 2024
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दिल्ली फार्मेसी कौंसिल चुनाव में भारी धांधली ,PDC ने की जांच की मांग

दिल्ली दर्पण टीवी, संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली फार्मेसी कौंसिल में धांधलीबाजी का आज बड़ा खुलासा हुआ है। फार्माकॉप्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके चुनावों से लेकर फार्मासिस्ट के रजिस्ट्रेशन व अन्य अनियमितताओं का भंडाफोड़ किया है। एसोसिएशन ने चुनावों की वैधता को चुनौती दी है। चुनावों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाने के आरोप लगाए गए हैं।
दिल्ली फार्माकॉप्स एसोसिएशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि दिल्ली फार्मेसी कौंसिल धांधलियों का अखाड़ा बन गया है। यह धांधली केवल फार्मासिस्ट के रजिस्ट्रेशन को लेकर ही नहीं है बल्कि चुनाव तक में अपनी जड़ी जमा चुकी है। हाल ही में हुएचुनाव में ऐसे ही आरोप फार्मेसी परिषद के रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह और रिटर्निंग ऑफिसर राजकुमार पर लगे हैं।
आज कई फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पूरे तथ्यों और तर्कों के साथ आरोप लगाया कि इस चुनाव में लोकतान्त्रिक तरीकों को तार-तार कर दिया गया। दिल्ली फार्माकॉप्स एसोसिएशन ने आरोप लगते हुए सरकार से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। एसोसिएशन के तर्क और तथ्य सचमुच हैरान करने वाले हैं।


कहा गया कि दोनों विजयी उम्मीदवार अजय शर्मा और पंकज आत्रे चुनाव लड़ने के योग्य ही नहीं थे, फिर भी उन्हें चुनाव लड़ाया गया और विजयी घोषित किया गया।
दिल्ली सरकार की फार्मासिस्ट क्षेत्र की स्वतंत्र निकाय दिल्ली फार्मासिस्ट परिषद शोषण और भ्रष्टाचार  का अड्डा बना हुआ है। जब 9 साल  बाद चुनाव हुए तो उसमें वही जीतकर आये जो भ्रष्टाचार में अधिकारियों का साथ देते हैं। धांधलियों के आरोप परिषद के रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह और रिटर्निंग ऑफिसर राजकुमार पर  लगाते हुए मुख्यमंत्री और एलजी से जांच की मांग की है। कहा गया है कि इन दोनों ने पूरी चुनाव प्रक्रिया का ही मजाक बना दिया है।

दिल्ली फार्माकॉप्स एसोसिएशन के चेयरमैन विकास तुसीर का कहना है कि डिजिटल के इस युग में लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण संस्था के चुनाव बैलेट पेपर पर डाक द्वारा क्यों भेजे गए।
उन्होंने कई सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में 45 हज़ार फार्मासिस्ट हैं जिनमें केवल 17 हज़ार ही रजिस्टर्ड क्यों है।17 हज़ार फार्मासिस्ट में करीब आठ हज़ार लोगों की ही मतदान में हिस्सेदारी क्यों रही।

एसोसिएशन द्वारा लगातार भेजे गए मेल और डाक पर संज्ञान क्यों नहीं लिया गया।
महासचिव जसबीर मान का कहना है कि परिषद के चुनाव में यह सब धांधलियां परिषद में चल रहे भ्रष्टाचार को जारी रखने के लिए की गयी है। दिल्ली फार्माकॉप्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकारों को फोटो दिखाते हुए कहा कि चुनाव अधिकारियों ने एक पक्ष को जिताने के लिए हर हथकंडे अपनाये।
विकास तुसीर ने उपराज्यपाल, मुख्य सचिव दिल्ली सरकार, प्रिंसिपल सेकेट्ररी को याचिका देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह सब तथ्य सामने आने के बाद इस पर जांच होगी और उन्हें कोर्ट जाने की जरूरत नहीं होगी। बहरहाल एसोसिएशन के इन आरोपों पर सरकार क्या संज्ञान लेती है, यह देखना अभी बाकी है।

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