Wednesday, May 8, 2024
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जाने आपके शहर मे कितने बजे निकलेगा चाँद, क्या है पूजा करने का शुभ महूर्त

प्रियंका रॉय

चंद्रमा पूजन पर दर्शन के समय रोहिणी नक्षत्र रहेगा

दिल्ली- 08 बजकर 09 मिनट पर खोले व्रत

देशभर मे करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाए अपने पत्तियों की लंबी उम्र के लिए रखती है। आज यानी 13 अक्टूबर को करवा चौथ है। इस व्रत में सुहागिन स्त्री चाँद को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलेंगी। आपको बता दे की खई सालो बाद इस तरह का संयोग आया है।  इस बार करवा चौथ के दिन चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में रहेंगे। साथ ही चंद्रमा पूजन पर दर्शन के समय रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इन दोनों ही संयोगों का होना सुहागिन स्त्री के लिए परम सौभाग्य पूर्ण माना जाएगा। आज के दिन हर महिला को बेसब्री से चाँद का इंतजार होता है। अगर आप भी जानना चाहते है कि आपके शहर मे चाँद कितने बजे निकलेगा तो यहां देखे…

देश के मुख्य शहरो में चाँद निकलने का समय

दिल्ली- 08 बजकर 09 मिनट पर

नोएडा- 08 बजकर 08 मिनट पर

गुरुग्राम- 08 बजकर 21 मिनट पर

मुंबई – रात 08:47 बजे

बंगलूरू- 08 बजकर 40 मिनट पर

शिमला- 08 बजकर 03 मिनट पर

अहमदाबाद- 08 बजकर 41 मिनट पर

गांधीनगर- 08 बजकर 51 मिनट पर

इंदौर – रात 08:09 बजे

भोपाल – रात 08:54 बजे

गोरखपुर – रात 07:47 बजे

मथुरा – रात 08:08 बजे

कानपुर- 08 बजकर 02 मिनट पर

चंडीगढ़- 08 बजकर 06 मिनट पर

लुधियाना- 08 बजकर 10 मिनट पर

देहरादून – रात 08:00 बजे

जम्मू- 08 बजकर 08 मिनट पर

पटना – रात 07:42 बजे

देहरादून – रात 08:00 बजे

जयपुर – रात 08:17 बजे

आपको बता दे दिल्‍ली में में बारिश का मौसम बना हुआ है। दिल्ली मे चंद्रमा दिखने का समय 8 बजकर 09 मिनट पर है। हालांकि, बादल होने की वजह से चंद्रमा देर से भी नजर आ सकता है

कैसे करे करवा माता की सही विधि से पूजा

व्रत के दिन शाम को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं इस पर भगवान शिव,माता पार्वती,कार्तिकेय और गणेश भगवान जी की मूर्ती या तस्वीर स्थापित कर दें, अन्यथा शिव जी के परिवार की तस्वीर भी आप रख सकते हैं।अब एक लोटे में जल भरकर उसके ऊपर श्रीफल रखकर कलावा बांध दें और दूसरा मिट्टी का टोंटीदार कुल्लड़ (करवा) लेकर उसमें जल भर ले फिर ढक्कन में शक्कर भर दें,उसके ऊपर दक्षिणा रखें,रोली से करवे पर स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद धूप,दीप,अक्षत व पुष्प चढाकर भगवान का पूजन करें,पूजा अर्चना के बाद भक्तिपूर्वक हाथ में गेहूं के दाने लेकर चौथमाता की कथा का श्रवण या वाचन करें। तत्पश्चात् रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर चंद्रदेव को अर्ध्य देकर बड़ों का आशीर्वाद लें। और अपना व्रत खोलें।

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