आंदोलन को कमजोर करने वाले रिपोर्टरों को सम्मानित कर रहा है सहारा प्रबंधन
सी.एस. राजपूत
भले ही किसी समय सहारा ने गुलामी की ओर संस्करण निकाल पर तत्कालीन सरकार की चूलें हिला थी, भले ही राष्ट्रीय सहारा के हस्तक्षेप संस्करण ने एक अलग पहचान बनाई हो पर सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय का मीडिया के क्षेत्र में आने मकसद राजनीतिक, खेल और बॉलीवुड के क्षेत्र में पहचान बनाना तो था ही पर मुख्य मकसद अपनी करतूतों के लिए ढाल बनाना था। यही वजह रही कि सुब्रत राय ने न केवल देशभर के निवेशकों को ठगा बल्कि नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स की ब्लैक मनी को भी सहारा में जमा कराया।
सुब्रत राय ने निवेशकों और एजेंटों को तो पैसा दिया ही नहीं साथ ही नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स के सहारा में जमा पैसे को अपने बचाव में ढाल के रूप में इस्तेमाल कर लिया। आज की तारीख में जब सुब्रत राय पर देशभर में हजारों एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। गैर जमानती वारंट जारी हो रहे हैं पर उनका कुछ बिगड़ नहीं पा रहा है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सहारा में जमा करने वाले नेता और ब्यूरोक्रेट्स तो सुब्रत राय को बचा ही रहे हैं साथ ही लंबे समय से सहारा मीडिया के चलने की वजह से विशेष रूप से राष्ट्रीय सहारा से जुड़े रिपोर्टरों की शासन और प्रशासन में ठीक ठाक पैठ है। ये ही लोग सहारा के खिलाफ होने वाले आंदोलन को कमजोर करने में लगे हैं और आंदोलनकारियों की आवाज दबाने में लगे हैं।
बताया जा रहा है कि आंदोलनकारियों की आवाज दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे रिपोर्टरों को सुब्रत राय सम्मानित कर रहे हैं। सहारा मीडिया में जो रिपोर्टर आंदोलनकारियों से सहारा प्रबंधन का बचाव कर रहे हैं उनको सुब्रत राय के हस्ताक्षरयुक्त सम्मान पत्र दिया जा रहा है। मतलब खुद सुब्रत राय इन रिपोर्टरों को सम्मानित कर रहे हैं। ऐसे जानकारी मिल रही है कि कल यानी कि १५ नवम्बर को सहारा इंडिया के जोनल ऑफिस पर होने वाले प्रदर्शनों में भाग लेने वाले आंदोलनकारियों को मैनेज करने के लिए सहारा ने अपने रिपोर्टर लगा दिये हैं। ये रिपोर्टर न केवल आंदोलनकारियों को मना रहे हैं बल्कि प्रशासन से आंदोलन न करने का दबाव भी डलवा रहे हैं। सहारा प्रबंधन का प्रयास है कि कल का आंदोलन मजबूती न पकड़ पाए।
इस मामले में ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव दुबे का कहना है कि अब सुब्रत राय कितने भी हथकंडे आंदोलन को दबाने का प्रयास कर लें पर यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है। उनका कहना था कि कल का आंदोलन निर्णायक होगा। अब सहारा निवेशक और एजेंट सुब्रत राय से पैसा लेकर ही रहेंगे।