Delhi Al Qaida Operatives दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को भारतीय उपमहाद्वीपों अल-कायदा (एक्यूआईएस) के चार गुर्गों को देश में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने और आतंकी समूह के लिए सदस्यों की भर्ती करने का दोषी ठहराया।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । देशभर में आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने और आतंकी समूह के लिए सदस्यों की भर्ती करने के लिए पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने अल-कायदा के चार आतंकियों को दोषी करार दिया। विशेष न्यायाधीश संजय खानगवाल ने मौलाना मोहम्मद अब्दुल रहमान कासमी, मोहम्मद आसिफ, जफर मसूद और अब्दुल सामी को यूएपीए की धारा 18 (आतंकवादी अधिनियम की साजिश) और 18-बी (आतंकवादी अधिनियम के लिए व्यक्तियों की भर्ती) के तहत दोषी ठहराया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने सभी दोषियों के खिलाफ यूएपीए के प्रविधानों को पूरी तरह से साबित किया है। अदालत 14 फरवरी को सभी की सजा की अवधि पर बहस सुनेगी। वहीं, अदालत ने अधिवक्ता एमएस खान व कौसर खान की दलीलों को स्वीकार करते हुए दो संदिग्ध गुर्गों सैयद मोहम्मद जीशान अली और सबील अहमद को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष दोनों के खिलाफ मामला साबित नहीं कर सका। अदालत ने दोनों को दस-दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया।
मामले में दोषियों के खिलाफ वर्ष 2017 में आरोप तय किए थे। हालांकि, एक अन्य आरोपी सैयद अंजार शाह को आरोप मुक्त कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि रहमान उत्तर प्रदेश में एक मदरसा चलाता था और वहां कई छात्र नामांकित हैं।
यह भी दावा किया था कि मसूद युवाओं के बीच अल-कायदा के आतंकी एजेंडे का प्रचार कर इसके प्रति आकर्षित करने की कोशिश कर रहा था। वहीं, आसिफ पूर्वोत्तर दिल्ली के सीलमपुर से जबकि रहमान को ओडिशा के कटक के जगतपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। अन्य सह-आरोपित भी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे थे।