आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए इसे बीजेपी के मुंह पर तमाचा बताया, आम आदमी पार्टी शुरू से मांग कर रही थी कि मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार न दिया जाए।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली में मेयर चुनाव (Delhi Mayor Election) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत दी है। बीजेपी और आम आदमी पार्टी (BJP and AAP) के लिए जारी खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट में बड़ा फैसला सुनाया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं कर पाएंगे। बता दें कि आम आदमी पार्टी शुरू से मांग कर रही थी कि मनोनीत पार्षदों को वोटिंग करने का अधिकार ना दिया जाए। आप एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए इस आदेश को बीजेपी के मुंह पर तमाचा बताया है और कहा है कि यदि बीजेपी तैयार हो तो वे दो घंटे में भी चुनाव करा सकते हैं।
आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत
इस फैसले से आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है तो वहीं बीजेपी को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेयर चुनाव होने के बाद मेयर ही डिप्टी मेयर (Deputy Mayor) और स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) का चुनाव कराएंगे। इस चुनाव में भी मनोनीत पार्षद वोट नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अगले 24 घंटे के भीतर चुनाव के लिए एमसीडी (MCD) की पहली बैठक बुलाने के लिए नोटिस जारी करने के लिए भी कहा है।
जनतंत्र की जीत हुई- अरविंद केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने इसे जनतंत्र की जीत करार दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “SC का आदेश जनतंत्र की जीत। SC का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि LG और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे ग़ैरक़ानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।”
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भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chandrachud), न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 243R और दिल्ली नगर निगम अधिनियम,1957 की धारा 3 (3) पर भरोसा करते हुए कहा कि प्रशासक द्वारा नामित व्यक्तियों के पास मतदान का अधिकार नहीं है। जानिए क्यों टल रहें हैं मेयर चुनाव।
पीठ ने आदेश दिया, “S 3(3)(B)(1) के संदर्भ में नामित सदस्यों के पास मतदान के अधिकार का प्रयोग करने पर प्रतिबंध पहली बैठक में लागू होगा, जहां महापौर और उप महापौर का चुनाव होना है।” साथ ही पीठ ने दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल और दिल्ली नगर निगम की उन दलीलों को खारिज कर दिया कि मनोनीत सदस्य वोट देने के हकदार हैं।