दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में अब स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को लेकर हंगाम का मामला तूल पकड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को महापौर ने 10 बजे बैठक बुलाकर शेष बचे हुए वोट डलवाने की बात कही है, जबकि भाजपा बुधवार की रात को इसी मुद्दे पर अड़ी हुई थी कि उन्हें नए सिरे से वोटिंग करानी है। ऐसे में शुक्रवार को होने वाली बैठक में फिर से हंगामे के आसार हैं।
शुक्रवार को ऐसे में बैठक होगी तो फिर उसी प्रकार के हंगामा होगा जिस प्रकार से बुधवार की रात और बृहस्पतिवार की सुबह की बैठक में देखने को मिला। महापौर शैली ओबराय ने बुधवार की रात की बैठक में ही स्पष्ट कर दिया था कि जो वोट डल गए हैं उन्हें रद कर नए सिरे से वोटिंग कराने का कोई कानूनी आधार उन्हें नहीं दिखता है।
हालांकि, उन्होंने मतदान के दौरान पहले मोबाइल के उपयोग पर रोक नहीं लगाई थी बाद में जब वोट पड़ने शुरू हो गए और भाजपा पार्षदों ने हंगामा किया तो उन्होंने मतदान के दौरान मोबाइल के उपयोग पर रोक लगा दी। भाजपा इसी मुद्दे को लेकर आगे बढ़ रही है। भाजपा पार्षद शिखा राय का कहना है कि जो मोबाइल के उपयोग करने के दौरान वोट पड़े हैं उनकी गोपनीयता भंग हो गई है। इसलिए नए सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए।
निगम सचिव ने पहले ही कर दी थी नए सिरे से मतदान की सिफारिश
दिल्ली नगर निगम चुनाव में मोबाइल के उपयोग के दौरान स्थायी समिति के सदस्यों के लिए हुए मतदान को निगम सचिव भगवान सिंह ने मतदान की गोपनीयता भंग होना माना था। ऐसे में उन्होंने बुधवार की रात 9:50 बजे ही एक विस्तृत नोट के जरिये महापौर को स्थिति से अवगत करा दिया था। निगम सचिव का कहना है कि 55 बैलेट पेपर वितरित कर दिए गए थे और हमें नहीं पता कि कितने लोगों ने बैलेट बाक्स के अंदर बैलेट पेपर डाल दिया।
भाजपा के पार्षदों ने जब मतदान की गोपनीयता भंग होने और मोबाइल से फोटो लेने की शिकायत की तो सदन 15 मिनट के लिए महापौर ने स्थगित कर दिया। निगम सचिव ने अपने नोट में कहा है कि सदन की कार्यवाही स्थगित होने की वजह से बैलेट बाक्स को हटा दिया था। ऐसे में कितने वोट डाला या नहीं डाला उन्हें नहीं पता। जबकि सदन की कार्यवाही के स्थगन होने के दौरान बैलेट पेपर सदस्यों के पास था इससे मतदान की गोपनीयता भंग हो गई है और मतदान नए सिरे से कराने की आवश्यकता है। वहीं, नए सिरे से बैलेट पेपर तुरंत नहीं मंगाए जा सकते इसके लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है।
मतदान की गोपनीयता बनाए रखना है जरुरी : विशेषज्ञ
दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में स्थायी समिति के सदस्यों के लिए मतदान के लिए मोबाइल उपयोग करने और न करने को लेकर हो रहे विवाद पर विशेषज्ञों ने मतदान की गोपनीयता बनाए रखना जरुरी होने की बात कही है। दिल्ली नगर निगम के पूर्व विधि अधिकारी अनिल कुमार गुप्ता कहते हैं कि निगम प्रक्रिया संचालन 1958 के अध्याय दो के बिंदु संख्या 9 में यह उल्लेखित है कि मतदान गोपनीय होना चाहिए।
ऐसे में कोई सदस्य मोबाइल का उपयोग करता है तो उसके मतदान की गोपनीयता भंग हो जाएगी और वोट को अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। गुप्ता ने कहा कि एक्ट में मतदान की गोपनीयता पर जोर दिया गया है ऐसे में कोई भी कार्य नहीं होना चाहिए जिससे मतदान की गोपनीयता भंग हो।