भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि सरकारी वकील पर सरकार का दबाव होने के कारण अपराध की शिकार लड़कियों को न्याय नहीं मिलता है। वह बोले वकीलों को सरकारी दबाव से मुक्त करने की जरूरत है।
नई दिल्ली। सांसद व दिल्ली प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उपराज्यपाल से लड़कियों के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामलों में न्याय दिलाने के वकीलों की विशेष टीम बनाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अपनी धार्मिक पहचान बदलकर हिंदू लड़कियों के साथ मित्रता कर बाद में उसकी हत्या करने की घटनाएं एक साजिश का हिस्सा है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
साक्षी की हत्या दुखद व गंभीर है
प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि शाहबाद डेरी में नाबालिग लड़की की हत्या दुखद व गंभीर है। कम से कम समय में इस मामले की सुनवाई कर हत्या करने वालों को फांसी दी जानी चाहिए। यह वारदात एक षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है।
अपनी पहचान छिपाकर इस तरह की वारदात करने वालों के पीछे कोई संस्था या सरकार तो नहीं है, इसकी जांच जरूरी है। इस तरह के अपराध करने वालों बचाने की कोशिश होती है। पहले भी इस तरह की घटना हो चुकी है।
‘2018 में हुई दुष्कर्म की घटना में भी नहीं मिला 11 साल की बच्ची को न्याय’
पूर्वी दिल्ली में वर्ष 2018 में 11 वर्ष की बच्ची के साथ दो दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया जाता है, लेकिन आरोपियों को सजा नहीं मिली। एक आरोपी को नाबालिग बता दिया गया और दूसरे को जमानत मिल गई।
इस तरह के जघन्य अपराध करने वालों को जमानत मिलना गंभीर मामला है। इससे अपराधियों का हौसला बढ़ता है। 11 वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म करने वाला मौलवी जमानत पर कैसे बाहर आ गया इसे अदालत को गंभीरता से लेना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी वकील पर सरकार का दबाव होने के कारण अपराध की शिकार लड़कियों को न्याय नहीं मिलता है। वकीलों को सरकारी दबाव से मुक्त करने की जरूरत है।