Friday, November 8, 2024
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Delhi Politics : तो अब स्टैंडिंग कमेटी पर भी हो जाएगा आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा !

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से एलजी के 10 एल्डर सदस्यों की नियुक्ति में शक्ति स्रोत पूछने से पलड़ा आम आदमी पार्टी का भारी हो गया है, रद्द हो सकती है एलजी द्वारा एल्डर सदस्यों की नियुक्ति  

चरण सिंह राजपूत 

सुप्रीम कोर्ट ने एलजी वीके सक्सेना द्वारा एमसीडी में 10 एल्डर सदस्यों को नियुक्त करने का शक्ति स्रोत अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से पूछा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि एलजी का इस तरह का फैसला चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने जैसा है। मतलब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एलजी के इस निर्णय से नाराज हैं। फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में आना माना जा रहा है।

ऐसे में यदि सुप्रीम कोर्ट एलजी के 10 एल्डर सदस्यों की नियुक्ति को रद्द करता है तो ये 10 एल्डर सदस्य भी आम आदमी पार्टी के बनने तय हैं। ऐसे में एमसीडी में मेयर, डिप्टी मेयर के साथ ही स्टैंडिंग कमेटी पर भी आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा हो जाएगा। वैसे भी दिल्ली एमसीडी में स्टैडिंग कमेटी बड़ी पावरफुल मानी जाती है। 

 दरअसल एमसीडी के चुनाव के दिन ही जब आम आदमी पार्टी ने बढ़त ले ली थी तो तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और सांसद मनोज तिवारी ने बोलना शुरू कर  दिया था कि मेयर तो उनका ही बनेगा। इस बोल के पीछे एलजी की ताकत मानी जा रही थी। यही हुआ जब बीजेपी के 104 पार्षदों के सामने आम आदमी पार्टी के 134 पार्षद होने के बावजूद जब मेयर चुनाव की बात आई तो एलजी वीके सक्सेना ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को 10 एल्डर सदस्य बना दिया। 

चुनाव पीठासीन अधिकारी भी बीजेपी पार्षद को बना दिया। चुनाव के दिन सदन में भारी हंगामा हुआ। आम आदमी पार्टी एलजी वीके सक्सेना द्वारा नियुक्त किए गए 10 एल्डर सदस्यों के मेयर चुनाव में वोट डालने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने एलजी द्वारा नियुक्त किये एल्डर सदस्यों को मेयर चुनाव में वोट डालने से रोकने का आदेश पारित कर दिया। मेयर चुनाव हुआ और आम आदमी पार्टी के शैली ओबेराय दिल्ली के मेयर बन गईं। 

एल्डर सदस्यों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन से एलजी के 10 एल्डर सदस्यों की नियुक्ति के शक्ति स्रोत पूछकर एक तरह से केंद्र सरकार की हवा ही निकाल दी। मतलब फैसला आम आदमी पार्टी के पक्ष में आना तय माना जा रहा है। 

उधर अधिकार को लेकर एलजी के पर सुप्रीम कोर्ट ने काट दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मुख्यमंत्री की सहमति से एलजी के निर्णय लेने की बात कही है। ट्रांसफर और पोस्टिंग मामले मुख्यमंत्री को सौंप दिए हैं। सेवा सचिव के ट्रांसफर करने पर केंद्र सरकार के फाइल रोकने पर केजरीवाल फिर से सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। हालांकि एलजी वीके सक्सेना ने सर्विसेज के फाइल मुख्यमंत्री को लौटा दी हैं। इसके पीछे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। 

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