ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राजधानी दिल्ली में जहरीली हवाएं फिजां में तैरने लगी हैं। दिल्ली के अनेक इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहंच गया है। प्रदूषण एक्यूआई 165 के स्तर पर लगातार बढ़ रहा है।
आईएमडी के अनुसार नमी भरी प्रदूषित हवाएं राजधानी में लगातार उत्तर-पश्चिम भारत से आ रही है। यानी इससे दिल्ली की हवा में निरंतर जहर घुल रहा है।बढ़ते प्रदूषण की वजह से घर-घर में बीमारियां दस्तक दे रही हैं। खांसी, दमा के रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म हुआ ही नहीं है कि प्रदूषण राजधानी वासियों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है।
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हाल ही में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए डी कम्पोस्ट के छिड़काव का व्यापक प्रबंध किया है। साथ ही स्मॉग टॉवर लगाया गया है। इसके बावजूद प्रदूषण में कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है। सरकार ने दिवाली, छठ पूजा जैसे त्योहारों को देखते हुए पटाखों को भी प्रतिबंधित किया है। प्रदूषण रोकने के लिए तमाम प्रबंध किए गए हैं फिर भी वांछित कामयाबी नहीं दिख रही।
दिल्ली में प्रदूषण का ठीकरा आए साल पड़ोसी हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने पर फोड़ दिया जाता है लेकिन खुद दिल्ली के अंदर वाहन प्रदूषण और कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
हाल ही दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रगति मैदान में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्यों में नियमों का पालन न करने पर एक बड़ी कंपनी पर पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है।
दो साल पहले सरकार वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ऑड-इवन फॉर्मूला भी आजमा चुकी है। डाक्टरों का कहना है कि प्रदूषण का अगर यही हाल रहा तो दिल्लीवासियों पर बीमारियों का गंभीर खतरा आ सकता है।
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