Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeअन्यविवेकहीन नौसिखिए नेताओं की वजह से एमसीडी बैकफुट पर

विवेकहीन नौसिखिए नेताओं की वजह से एमसीडी बैकफुट पर

दिल्ली दर्पण टीवी

नई दिल्ली। एमसीडी उलटबांसी कर रही है। एमसीडी के नोसिखिया नेताओं, और अधिकारियों को पता ही नहीं होता कि वे क्या आदेश पारित कर रहे हैं, पार्टी की लाइन क्या है, नीति क्या है। पार्टी संगठन मंदिरों, पुजारियों के संरक्षण का अभियान चला रहा है जबकि इसके उलट सत्तासीन एमसीडी मंदिरों पर टैक्स थोपने और उन्हें सील करने का फरमान जारी कर रही है।
इसी विसंगति का सबसे बड़ा उदाहरण सामने आया जब ईस्ट एमसीडी ने मंदिरों पर टैक्स देने और अदा न करने पर मंदिरों को सील करने की आदेश दिया था। इस आदेश का दिल्ली के मंदिरों ने खुलकर विरोध किया। एमसीडी के इस आदेश पर पार्टी की सिटीपिटी गुम है और उससे जवाब देते नहीं बन रहा। वही, एमसीडी के इस आदेश पर विपक्ष भाजपा पर हमलावर है।


आप विधायक आतिशी ने कहा कि बीजेपी ने दिल्ली में औरंगजेबी फरमान दिया है और 1679 के बाद पहली बार जजिया फरमान लगाया जा रहा है। भाजपा शासित पूर्वी निगम ने कई मंदिरों को नोटिस दिया है कि आप प्रॉपटी टैक्स भरो वर्ना आपका मंदिर सील कर दिया जाएगा। राम नाम पर वोट मांगना और फिर मंदिरों पर टैक्स लगाना यही भाजपा की असलियत है।
उन्होने कहा कि एमसीडी में शासित भाजपा का सिर्फ एक ही काम है, भ्रष्टाचार उगाही करना और अपनी जेब भरना। आम आदमी पार्टी ने भाजपा से इस नोटिस को तुरंत वापस लेने की मांग की है। आतिशी ने कहा कि यह भाजपा की श्रद्धा है कि मंदिरों में दान करने की बजाय, लोगों के हित में नीतियां बनाने की बजाय, आज आप मंदिरों को धमका रहे हैं। भाजपा के नेताओं को शर्म आनी चाहिए। आम आदमी पार्टी यह मांग करती है कि जो प्रॉपर्टी टैक्स मंदिरों पर लगाया जा रहा है, उसको तुरंत हटाया जाए और इस नोटिस को वापस लिया जाए।

ये भी पढ़ेंक्या है ग्रेड रिस्पॉन्स एक्शन योजना- सतेंद्र जैन


पूर्वी निगम के नेता प्रतिपक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि यह बहुत ही दुख का विषय है कि अब भाजपा हमारी धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने का काम कर रही है। यह किसी एक मंदिर को नोटिस नहीं दिया गया है। पूरी पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंदर चाहे वह गीता कॉलोनी हो, शाहदरा, यमुना नगर, यमुना विहार, खजूरी खास हो या दिलशाद गार्डन पूर्वी दिल्ली के सभी क्षेत्रों के तमाम मंदिरों गुरुद्वारों और मस्जिदों को नोटिस दिया गया है जो कि नींदनीय है।
एमसीडी के नोसिखियां नेताओं का विवेक खत्म हो चुका है। वे भ्रष्टाचार में अंधे दिखाई दे रहे हैं जिन्हें पार्टी की धार्मिक नीतियों तक का पता नहीं है। एमसीडी को क्या यह पता नहीं है कि पिछले दो साल से सबसे ज्यादा आर्थिक मार मंदिरों और पुजारियों के परिवारों पर पड़ी। कोविड काल के दौरान तमाम धार्मिक गतिविधियां बंद करनी पड़ी थी और मंदिरों के पुजारी फाकाकशी के हालात में पहुंच गए। अब कुछ समय से मंदिर खुले हैं तो वे अपना परिवार, बच्चों का पेट भरेंगे या एमसीडी को टैक्स चुकाएंगे।
दिल्ली में एमसीडी के चुनाव सिर पर है। यहां भाजपा का शासन है लेकिन वह जनता के हित के कोई ठोस काम करती नजर नहीं आती। झुग्गी सम्मान यात्रा जैसे ढोंग प्रचारित करने दिखाई देते हैं। दिखने में तो भाजपा बहुत कुछ करती दिखती है लेकिन इस दिखावे के चक्कर में वह यह भूल जाती है कि इससे उल्टा पार्टी को ही नुकसान हो रहा है। मंदिरों पर टैक्स लगाने और उन्हें सील करने का आदेश कुछ ऐसा ही है।


एक तरफ पार्टी आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मंदिरों और पुजारियों के संरक्षण करना चाहती है, दूसरी ओर ऐसे आदेशों से एमसीडी के नेताओं को अज्ञानता जाहिर हो रही है। उन्हें उल्टे मुंह की खानी पड़ रही है और पार्टी को फजीहत सहनी पड़ती है।
यह पहली बार नहीं हुआ है जब एमसीडी को पार्टी लाइन से परे अपना ही आदेश वापस लेना पड़ा हो, इससे पहले भी फिल्मीस्तान सिनेमा, एमसीडी के पुराने स्कूल की जमीन, संपत्ति बेचने के मामले को भी एमसीडी को पलटी मारनी पड़ी थी। नोर्थ एमसीडी की ओर से कुछ माह पहले जनरल ट्रेड लाइसेंस फीस, फैक्ट्री लाइसेंस फीस, किराए की संपत्ति पर हाउस टैक्स को लगभग दुगना करना और खाली जगहों पर हाउस टैक्स लगभग डेढ़ गुना बढ़ाने का फैसला ल‍िया था, लेकि‍न व‍िपक्षी दल आम आदमी पार्टी के पुरजोर व‍िरोध के चलते फैसले को वापस लेना पड़ा है। एमसीडी को बैकफुट पर आना पड़ा।
कुछ महीनों पहले बीजेपी शासित एमसीडी ने कुछ तुग़लकी फरमान जारी किए थे जिसमें जनरल ट्रेड लाइसेंस फीस को 17 गुना बढ़ा दिया। वहीं फैक्ट्री लाइसेंस फीस को लगभग 40 गुना बढ़ा दिया। किराए की संपत्ति पर हाउस टैक्स को लगभग दुगना कर दिया और खाली जगहों पर हाउस टैक्स लगभग डेढ़ गुना बढ़ा दिया था।
जब यह बढ़ोतरी हुई तो सदन और स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका पुरजोर विरोध किया, इसके बाद आम आदमी पार्टी ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया। बाजारों में जाकर सिग्‍नेचर कैंपेन चलाया और दिल्ली के 5 लाख व्यापारियों से हस्ताक्षर कराया। दिल्ली के जो तमाम मार्किट एसोसिएशन्स हैं।

ये भी पढ़ेंमोती नगर विधानसभा में आम आदमी पार्टी द्वारा चलाया गया ‘एमसीडी बदलाव’ सदस्यता महाअभियान


विरोध के बाद एमसीडी ने अपने इन तुगलकी फरमानों को वापस ले लिया। जो 17 गुना ट्रेड लाइसेंस की फीस थी उसको वापस लिया। फैक्ट्री लाइसेंस फीस की बढ़ाई गई दरों को वापस लिया। रेंटेड प्रॉपर्टी पर बढ़ाए गए हाउस टैक्स को वापस लिया और खाली जगहों पर डेढ़ गुना बढ़ाए गए टैक्स को भी वापस लिया।
एमसीडी के नेताओं की नजर पार्टी की रीति-नीतियों पर ही नहीं। उसकी नजर तो बेईमानी, भ्रष्टाचार, उगाही और संपत्ति बेचने पर लगी रही। भाजपा शासित एमसीडी ने जितना भ्रष्टाचार किया है, यह जगजाहिर हो गया है कि भाजपा ने एमसीडी के सरकारी खजाने को खाली कर दिया है।
एमसीडी में हालात हैं कि एमसीडी न टीचरों की तनख्वाह दे रही है, न डॉक्टर्स और नर्सेस की तनख्वाह दे रही है और न सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह दे रही है। एमसीडी में शासित भाजपा का सिर्फ एक ही काम है, भ्रष्टाचार, उगाही करना और अपनी जेब भरना।
दिल्ली के हर हिस्से में रहने वाला व्यक्ति यह जानता है कि भाजपा के नेता और पार्षद सिर्फ उगाही करना जानते हैं। जैसे ही कोई अपने घर में लिंटर डालना शुरू करता है। भाजपा के पार्षद उस आम इंसान से उगाही करने पहुंच जाते हैं। लेकिन अब भाजपा की जो पैसों की हवस है उसकी अब कोई सीमा नहीं रही है। भाजपा को लोग आम जनता से तो उगाही करते ही रहे हैं। उससे उनका, उनके पार्षदों और पार्टी का पेट नहीं भरा तो अब वह दिल्ली के मंदिरों से भी उगाही करने पहुंच गए हैं।
ऐसे में उसका ध्यान जनता के हित और पार्टी की नीतियों पर कहां से रहेगा।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments