Monday, May 6, 2024
spot_img
Homeअन्यWrestlers Protest : विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया का मेडलों...

Wrestlers Protest : विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया का मेडलों को गंगा में बहाने का ऐलान, दिल्ली इंडिया गेट पर करेंगे आमरण अनशन 

किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐसा न करने की अपील की, देश की शान बताया

28 मई को दिल्ली पुलिस की क्रूरता तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उपेक्षात्मक रवैये से आहत बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में बहाने का ऐलान किया है।रेसलर विनेश फोगाट ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि आज मंगलवार (30 मई) शाम छह बजे खिलाड़ी अपना मेडल हरिद्वार में गंगा में प्रवाहित कर देंगे ।

विनेश फोगाट ने ये ऐलान 28 मई को पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के एक्शन के दो दिन बाद किया है. उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री ने एक बार भी पहलवानों की सुध नहीं हैं। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने उनसे ऐसा न करने की है। उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से भी अपील की है कि वह मामले में संज्ञान लेकर पहलवानों से बात कर उन्हें ऐसा न करने से रोकें।  उधर संयुक्त किसान मोर्चा ने 1 जून को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। 5 जून को बृजभूषण शरण के चरित्र को उजागर करने के कार्यक्रम किया है। 
विनेश फोगाट ने ट्विटर पर एक पत्र शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा, हमारे साथ 28 मई को जो हुआ वो आप सबने देखा। हम महिला पहलवान ऐसा महसूस कर रही हैं, जैसे इस देश में हमारा कुछ बचा ही नहीं है। फोगाट ने लिखा, हमें वो पल याद आ रहे हैं, जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे. अब लग रहा है कि ये मेडल क्यों जीते थे ? उन्होंने आगे लिखा, ये मेडल हमें नहीं चाहिए. हम इन मेडल को गंगा में बहाने जा रहे हैं। 

आमरण अनशन का ऐलान

फोगाट ने मेडल प्रवाहित करने के बाद आमरण अनशन का ऐलान किया है।  उन्होंने लिखा। इन मेडल के गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। फोगाट ने कहा, इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी, हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी। 

राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को क्यों नहीं ?

पत्र में पहलवानों ने इस मेडल को राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को न सौंपकर गंगा में ही बहाने की वजह भी बताई है. इसमें लिखा, हमारे सामने सवाल आया कि मेडल किए लौटाएंगे, हमारी राष्ट्रपति को जो खुद एक महिला हैं. मन ने ना कहा, क्योंकि वह हमें सिर्फ 2 किलोमीटर दूर बैठी सिर्फ देखती रहीं, लेकिन कुछ भी नहीं बोलीं.

पीएम मोदी को मेडल न लौटाने की वजह बताते हुए लिखा गया कि प्रधानमंत्री हमें अपने घर की बेटियां बताते थे, उन्होंने एक बार भी अपने घर की बेटियों की सुध नहीं ली. बल्कि नई संसद के उद्घाटन में हमारा शोषण करने वाले बृजभूषण शरण सिंह  को ही बुलाया. वह तेज सफेदी वाले चमकदार कपड़ों में फोटो खिंचवा रहा था. उसकी सफेदी हमें चुभ रही थी. मानो कह रही हो मैं ही तंत्र हूँ। 

‘मां गंगा से सही जगह कोई नहीं’

इसमें आगे कहा गया कि इन मेडलों को हम गंगा में बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं. जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था. ये मेडल सारे देश के लिए पवित्र हैं और पवित्र मेडल को रखने की सही जगह मां गंगा ही हो सकती है। 

पत्र के आखिर में पहलवानों ने लोगों से अपील करते हुए लिखा, अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं. अब लोक को सोचना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ खड़े हैं.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments