Saturday, May 4, 2024
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 Delhi shalimar bagh hit-and- run case | तो क्या यहाँ भी गरीब की जान से महत्वपूर्ण धनबल हो गया है? 

-दिल्ली के शालीमार बाग़ में कर चालक दो लोगों को कुचला , एक की मौत दूसरे की हालत गंभीर 
- घटना के 24 घंटे बाद भी ना चालक पुलिस की पकड़ में , ना मृतक की ही हुयी पहचान
-पुलिस की नियत और काबिलयत पर उठ रहे है सवाल ,जानकारी देने से क्यों बच रही है पुलिस ?
-पुलिस की जांच सुस्त या आरोपियों को बचाने की हो रही है कवायद ?

-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी 

नार्थ वेस्ट दिल्ली। दिल्ली के शालीमार बाग़ इलाके में एक व्यवसायी की किआ गाड़ी ने दो साईकल और साईकल रिक्शा चालक को कुचल दिया और मौके से फरार हो गया। इस घटना में एक शख्स की तो मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी जबकि, दुसरा एल.एन.जे.पी. हॉस्पिटल में मौत और जिंदगी से जूझ रहा है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार घायल शख्स काफी देर तक दर्द से तड़फ रहा ,वहां राहगीरों की भीड़ तो जमा हो गयी थी, लेकिन किसी ने भी पुलिस को सूचना देने की हिम्मत नहीं की। एक पुलिस कर्मी ने  ही पुलिस नियंत्रण कक्ष को फ़ोन किया वही उस घायल को शालीमार बागा के फोर्टिस हॉस्पिटल लेकर गया। शालीमार बाग़ पुलिस ने मामला तो दर्ज़ कर लिया है लेकिन घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक चालक तक नहीं पहुंच पायी है ना ही मृतक की पहचान ही हो पायी है। 

दिल्ली में किसी सड़क हादसे में मारे गए किसी गरीब की जान कीमत मूंगफली की कीमत जैसी ही है। ऐसे मामलों में धनबल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बात चाहे इंवेस्टीगेटिन को हो या फिर नियमों और कानूनों की। अमीर और प्रभावशाली लोग या तो भाग जातें है, या फिर बच निकलते है। दिल्ली के शालीमार बाग़ थाना क्षेत्र में रिंग रोड पर हुआ यह  हादसा भी कुछ ऐसा यही संकेत दे रहा है। इस घटना में के गरीब का शव शिनाख्त के इन्तजार में है तो दुसरा गरीब शख्स बुराड़ी निवासी 50 वर्षीय नरेश यादव जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। 

मामला रविवार शाम करीब 7 बजे के आस पास का है। सूत्रों के अनुसार यह टक्कर इतनी तेज़ थी की कार का बोनट और नंबर प्लेट सड़क पर गिर गयी। घटना के कुछ ही देर बाद कार वज़ीर पुर इंडस्ट्रियल एरिया के पास मिल गयी। हद और हैरत तो यह है की कार चालक को इसका मलाल नहीं था कि उससे दुर्घटना हुयी  है, उसकी चिंता यह थी की कार के आगे का हिस्सा डैमेज हो गया। सूत्रों के अनुसार उसने अपनी गाडी  को वज़ीर पुर इंडस्ट्रियल एरिया में कड़ी की और तुरंत बीमा कम्पनी को इन्शुरन्स क्लेम एजेंट को बुला लिया। लेकिन चूँकि कॉलर ने गाडी का नंबर कर दिया था लिहाज़ा पुलिस ने गाडी जब कर ली। 

जिस गाडी से यह एक्सीडेंट हुआ वह अशोक विहार फेज -1 के बी ब्लॉक निवासी देवेंद्र गोयल के नाम से रजिस्टर्ड है। इस मामले में शालीमार बाग़ थाना पुलिस और डीसीपी नॉर्थ वेस्ट जिला कार्यालय सम्पर्क किया लेकिन पुलिस इस विषय में एक्सीडेंट के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी ज्यादा जानकारी देने की स्थिति में नहीं है।  पुलिस यह तक बताने की स्थिति में नहीं है की एक्सीडेंट के वक्त गाडी कौन चला रहा था।  खुद गाड़ी मालिक , उसका बेटा या फिर ड्राइवर? इस घटना में कथित रूप से घायल तुरंत फोर्टिस हॉस्पिटल में पहुंचने वाला दिल्ली पुलिस का वह जवान कौन है ? पुलिस ने गाडी कहाँ से बरामद की ? 

दिल्ली पुलिस से तो इन सवालों का जबाब नहीं मिला लेकिन दिल्ली दर्पण टीवी ने कार मालिक देवेंद्र गोयल से बात की तो उसने कहा  कि गाडी उनका ड्राइवर राकेश नाम का शख्स चला रहा था। लेकिन उससे पूछा गया की गाडी में उस वक्त कौन था और इसका जबाब उन्होंने नहीं दिया। जब फ़ोन चालू है तो पलिस ने अभी तक देवेंद्र या कार चालक क्यों पुलिस की पकड़ से बहार है। ड्राइवर को आगे कर क्या बच निकलने की कोशिश है ? हादसे के बाद क्या कार मालिक या चालक ने पुलिस को जानकारी दी ? यदि नहीं दी तो क्यों नहीं इसे हिट और रन का केस माना जाए ? हाई प्रोफाइल मामलों जमीन आसमान एक कर देने वाले दिल्ली पुलिस गरीब की जान पर जांच में सुस्त क्यों  है ? 

बहरहाल शालीमार बाग़ थाना पुलिस इस पर क्या करवाई करती है और किन धाराओं के तहत यह मामला किया है यह देखना अभी बाकी है। 

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