Saturday, April 27, 2024
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श्री राम के उत्तराधिकार पर राजस्थान के रजवाड़ों का दावा

नई दिल्ली,  अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह क्या पूछ लिया कि क्या श्री राम का कोई वंशज आज है या नहीं, इसके बाद तो राजस्थान के राजपरिवारों में इसे लेकर होड़ सी लग गई। अब तक एक के बाद एक तीन घरानो ने खुद को श्री राम के पुत्र लव और कुश के वंशज होने का दावा किया है। ख़ास बात यह है कि तीनो ने अपने दावों के प्रमाण के लिए लिखित प्रमाण भी पेश किया है।  

राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने दावा किया कि वह श्री राम के वंशज हैं और श्रीराम के बेटे कुश से उनका राजवाड़ा चलता है।  उन्होंने पोथीखाना में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर इसका दावा किया है। उन्होंने कहा कि जयपुर राजपरिवार की गद्दी भगवान राम के पुत्र कुश के वंशजों की राजधानी है। जयपुर की पूर्व राजमाता पद्मनी देवी ने कहा कि साल 1992 में पूर्व महाराजा स्व. भवानी सिंह ने मानचित्र सहित सभी दस्तावेज कोर्ट को सौंप दिए थे। उनका दावा हगाई कि वे श्रीराम की 309 वीं पीढ़ी में हैं।  श्री राम के पुत्र कुश के वंशज होने से ढूंढाड़ के राजा कछवाहा कहलाने लगे। जयपुर के पूर्व राजपरिवार का दावा है कि रामजन्म भूमि को लेकर सिटी पैलेस के कपड़ाद्वारा में सुरक्षित दस्तावेजों आधार पर यह साफ होता है कि अयोध्या में राम मंदिर की भूमि जयपुर रियासत के अधिकार में रही है।  

          उनके इस दावे के बाद अब राजस्थान का मेवाड़ राजघराना भी भगवान श्रीराम के वंशज होने की लड़ाई में कूद गया है। मेवाड़ राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ राजपरिवार भगवान राम के पुत्र लव का वंशज है।  मेवाड़ के पूर्व राजकुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का कहना है कि कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक ‘एनल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान’ में लिखा है कि श्रीराम की राजधानी अयोध्या थी और उनके बेटे लव ने लव कोट यानी लाहौर बसाया था।  लव के वंशज ही बाद में गुजरात होते हुए आहार यानी मेवाड़ में आए जहां सिसोदिया राज्य की स्थापना हुई। मेवाड़ का राज प्रतीक सूर्य है।  श्रीराम भी शिव के उपासक थे और मेवाड़ परिवार भी भगवान शिव का उपासक है. यह मेवाड़ आज श्रीराम के वंशज होने को प्रमाणित करता है। 

        इसके बाद बारी आई कांग्रेस प्रवक्ता सत्येंद्र सिंह राघव की। उन्होंने भी भगवान राम के वंशज होने पर अपनी दावेदारी जताते हुए कहा कि लव और कुश राम और सीता के जुड़वा बेटे थे। वाल्मीकि रामायण के पेज नंबर-1671 का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया कि कुश को दक्षिण कौशल यानी छत्तीसगढ़ में और लव का उत्तर कौशल में अभिषेक किया गया था। राघव ने बताया कि कालिदास के रघुवंश के अनुसार राम ने अपने पुत्रों को शरावती का और कुश को कुशावती का राजा बनाया था।  शरावती को आज श्रीवास्तव से जाना जाता है जो उत्तर भारत में हैं. कुश का राज दक्षिण के कौशल में है।  राघव ने कहा कि इससे साबित होता है कि कुश उत्तर भारत में नहीं बल्कि दक्षिण भारत में रहे, जबकि लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ है।  इसमें बडगूजर, जयास, सिकरवारओं का वंश चला है, इसलिए राम के वंशज हम हैं।

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