Tuesday, April 30, 2024
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Delhi : G-20 शिखर सम्मेलन के बाद गांधी-गोडसे विचार में छिड़ी बहस 

 दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों के गांधी समाधि पर नतमस्तक होने से दिखी गांधी विचार की ताकत 

आप नेता संजय सिंह ने देश की पहचान गांधी से है न कि गोडसे से कहकर दी बड़ी बहस को हवा 

चरण सिंह राजपूत 

भले ही पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन पर फुले न समा रहे हों पर एक बार फिर से साबित हो गया कि देश की पहचान अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी से है। जिस तरह से जी-20 शिखर सम्मेलन में पधारे सभी ताकतवर देशों के प्रतिनिधि  राजघाट पर गांधी जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने गए, उससे फिर से साबित हो गया कि दुनिया गांधी के सम्मान में नतमस्तक है। वह दूसरी है कि मोदी राज में नेहरू के साथ ही गांधी जी की भी जमकर आलोचना हुई है। गांधी के विचार को पीछे धकलते हुए गोडसे के विचार को आगे बढ़ाने का प्रयास हुआ है। गोडसे का मंदिर बनाने की बातें की जाने लगी। हालांकि खुद पीएम मोदी भी जानते हैं कि देश से गांधी के विचार को खत्म करना ना मुमकिन है। 

यही वजह रही कि जी20 सम्मेलन के बीच आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा से निलंबित सांसद संजय सिंह ने रविवार को एक ट्वीट कर लिखा कि दुनिया के दिग्गज नेता राजघाट पहुंचकर गांधी को नमन कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि भारत की पहचान गांधी (Mahatma Gandhi) से है न कि गोडसे ( Nathuram Godse) से। संजय सिंह का यह बयान सीधे रूप से बीजेपी और आरएसएस पर हमला माना जा रहा है। क्योंकि गांधी जी का हत्यारा गोडसे आरएसएस विचारधारा का माना जाता है। मतलब संजय सिंह ने गांधी-गोडसे विवाद को हवा दे दी है। 

दरअसल रविवार की सुबह प्रतिनिधिमंडल के नेता और प्रमुख अलग-अलग काफिले में राजघाट पहुंचे थे। इन सभी नेताओं ने महात्मा गांधी की समाधि पर सभी नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। सबसे पहले एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष मासात्सुगु असकावा, आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने और पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए दिल्ली के राजघाट पहुंचे थे। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, महानिदेशक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) टेड्रोस एडनोम भी राजघाट पहुंचे। ओमान के उप प्रधान मंत्री असद बिन तारिक बिन तैमुर अल सैद भी राजघाट पहुंचे। इसके अलावा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी, मॉरीशस के प्रधान मंत्री प्रविंद जुगनाथ भी राजघाट पहुंचे। सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली सीन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी राजघाट पहुंचीं। 


जापान पीएम फुमियो किशिदा, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन, इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के प्रधान मंत्री ली कियांग राजघाट पहुंचे. कोमोरोस संघ के अध्यक्ष और अफ्रीकी संघ (एयू) के अध्यक्ष, अज़ाली असौमानी भी राजघाट पहुंचे और उन्होंने बेहद गर्मजोशी के साथ प्रधानमंत्री मोदी के साथ हाथ मिलाया। 

यूनाइटेड किंगडम प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो भी राजघाट पहुंचे और सभी नेताओं ने एकसाथ महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और पुष्पांजलि अर्पित की।  

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