Monday, May 20, 2024
spot_img
Homeअन्यSeminar : जीएसटी पर दूर किये गए एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी के कन्फ्यूजन 

Seminar : जीएसटी पर दूर किये गए एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी के कन्फ्यूजन 

कन्फ्यूजन दूर करने को लेकर सेमिनार आयोजित 

बचे हैं अभी कुछ कंफ्यूजन 

काम को आसान करने के लिए उठाये जा रहे हैं कई कदम : सुभाष गोयल 

सी.ए.आदित्य अग्रवाल ने जीएसटी पर हुई सेमिनार के बाद दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए बताया-कन्फ्यूजन तो अभी बचे हैं। 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ़ एजुकेशन पब्लिशर्स द्वारा आयोजित सेमिनार में जीएसटी को लेकर एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी के बीच जो कज्फ्यून थे वे काफी हद तक दूर कर दिए गए। इस सेमिनार के बाद पब्लिशर्स काफी संतुष्ट नजर आये। 

दरअसल जीएसटी को लेकर एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी के बीच काफी कंफ्यूजन थे। इन कंफ्यूजन को दूर करने के लिए यह सेमिनार आयोजित की गई थी। इस सेमिनार में जीएसटी से जुडी शंकाओं का समाधान किया गया। यह सेमिनार भारत के प्रकाशन जगत में जीएसटी को लेकर की गई थी। 

सेमिनार में जीएसटी एक्सपर्ट सीए आदित्य अग्रवाल और बीडी अग्रवाल ने प्रकाशकों की जीएसटी और कॉपीराइट से जुडी समस्याओं पर विस्तार से बताया और उनके सवालों का समाधान भी किया। 

आरसीएम की सेमिनार में बड़ी संख्या में पब्लिशर्स भी शामिल हुए। दरअसल RCM और कॉपी राइट पर ही सबसे ज्यादा कन्फूशन है। इस सेमिनार में सबसे ज्यादा सवाल दोनों एक्सपर्ट एक्सपर्ट से इन्हे दोनों मुद्दों पर पूछे। सेमिनार से काफी हद तक कन्फूशन दूर तो हुआ पर भी भी कुछ मुद्दों पर स्थित स्पष्ट नहीं हो पाई है। 

दरअसल केवल पब्लिशर्स ही नहीं बल्कि इस सेमिनार में पहुंचे एक्सपर्ट के बीच भी कुछ मामलों को लेकर मतभेद देखे गए। सीए आदित्य अग्रवाल कहतें है कॉपी राइट और स्थित और क्लियर हो जाये तो बहुत अच्छा है जबकि एक्सपर्ट वीडी अग्रवाल कहतें  है की यह केवल समझ का फेर है। कहीं कोई कन्फूशन नहीं है। 

बहरहाल पब्लिशर्स के लिए यह सेमिनार बहुत उपयोगी रहा। इन मुद्दों पर पब्लिशर्स की कितनी रुचि थी। यह इस बात से साबित होता है कि सैकड़ों लोगों ने इस सेमिनार को दिल्ली दर्पण टीवी पर लाइव देखा। इसकी उपयोगिता और आवश्यकता को देखते हुए फेडरेशन ऑफ़ एजुकेशनल पब्लिशर्स इन इंडिया के अध्यक्ष सुभाष गोयल और महासचिव गोपाल कृष्ण ने ऐलान किया। इन मुद्दों पर स्थिति क्लियर करने के लिए कई महत्वूपर्ण कदम उठाने जा रहे हैं ताकि पब्लिशर्स  के लिए काम करना और आसान हो सके और लाभ मिल सके।

इस अवसर पर दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए बी.डी. बीडी अग्रवाल ने कहा कि सेमिनार के बाद अब  एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी के बीच कोई कंफ्यूजन नहीं है। बा कॉपी राइट न हो। बड़ा  ओथर की किताब पर कोपी राईट नहीं है तो आक्षेप लगेगा ही। उन्होंने कहा कि पब्लिशर और व्यापारी दोनों समझदार हैं। बैठकर हल निकाल लेंगे। 

 जीएसटी एक्सपर्ट सी.ए.आदित्य अग्रवाल ने जीएसटी पर हुई सेमिनार के बाद बताया कि कन्फ्यूजन तो अभी बचे हैं। ऑथर ने यदि ओरिजनल वर्क किसी को दिया है तो देखना होगा कि उसका कॉपीराइट है या नहीं। ऑथर के पास  कॉपीराइट नहीं है। उन्होंने असली मुद्दा कॉपीराइट को ही बताया। 
नवीन जोशी ने बताया कि फेडरेशन प्रकाशकों के साथ सबसे बड़ी दिक्कत जीएसटी की है। उन्होंने कहा कि उन लोगों को बहुत कंफ्यूजन थे। इस सेमिनार के बाद काफी हद तक कन्फ्यूजन  दूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी वाली बात अभी भी क्लियर नहीं हो पा रही है रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अभी कन्फ्यूजन है कि रॉयल्टी देनी है या नहीं। उन्होंने कहा सभी पब्लिशर्स लगभग एक ही तरह का काम करते हैं। कोई पेटेंट नहीं करवा सकता है। उन्होंने दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए कहा कि यदि आप भी पत्रकारिता में कोई किताब लिखेंगे तो दस किताब लेकर बैठेंगे। पेटेंट का कोई तरीका नहीं है।

नीरज गुप्ता ने कहा कि पब्लिशर्स  की सबसे मेजर समस्या रॉयल्टी की हैं। सेमिनार में बहुत अच्छा उपाय बताया गया है। इससे काफी कुछ फायदा होगा। कॉपीराइट न तो ऑथर के पास है और न ही पब्लिशर्स के पास। ओरिजनल की जरूरत नहीं। उन्होंने सेमिनार को बड़ा बड़ी अचीवमेंट बताया। 
सुभाष गोयल ने कहा कि सेमिनार बहुत उपयोगी साबित हुई। उन्होंने कहा कि एजुकेशनल पब्लिशर्स कम्युनिटी से जुड़े सभी लोगों के  बेनिफिट के लिए यह कार्यक्रम किया गया है। सेमिनार से सभी के कंफूजन क्लियर हो गए हैं। पब्लिशर्स को अब कोई लोड नहीं है। उन्होंने बताया कि आरसीएम के ऊपर जीएसटी नंबर नहीं होता।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments