Thursday, May 9, 2024
spot_img
Homeअन्यअब कलम टूटने लगी है

अब कलम टूटने लगी है

अब कलम टूटने लगी है

स्याही भी सूखने लगी है

जिधर देखो उधर 

अब आवाज दबने लगी है

दिन प्रति दिन 

अब किताब भी रूठने लगी है

पहरे दर पहरा 

अब कविता भी रोने लगी है ..

इस मुल्क में 

अब हवा भी साथ छोड़ने लगी है..

अब कलम टूटने लगी है

अब कलम टूटने लगी है..

के एम भाई 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments